नौ वर्ष की उम्र से उस्ताद गनी खां से सीखने लगे थे संगीतवर्ष 2916 में अंतिम बार आये थे शहर, कार्यक्रम की हुई थी प्रस्तुति उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर मशहूर शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र का 89 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने मिर्जापुर में अंतिम सांस ली. वह 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक थे. पं.छन्नू लाल मिश्र का शहर से गहरा संबंध रहा है. पं.छन्नू लाल मिश्र ने शहर के चतुर्भुज स्थान में संगीत साधना की शुरुआत की और काशी की मणिकर्णिका पर मसाने में होली खेल उसे शिखर पर पहुंचाया. शास्त्र से लोक, किराना से बनारस और उत्सव से मसान को जोड़ने वाली गायकी के अनूठे गायक पं. छन्नूलाल मिश्र का जाना संगीत की अपूरणीय क्षति है. इनका जन्म आजमगढ़ के हरिहरपुर गांव में 1936 में हुआ़ इनके पिता तबलावादक बद्री प्रसाद मिश्र थे. यह नौ साल के ही थे कि इनके पिता का तबादला मुजफ्फरपुर हो गया. उस वक्त यहां चतुर्भुज स्थान देश में तवायफों का बड़ा केंद्र था. यहां किराना घराने के कलाकार अब्दुल गनी खान पं.छन्नू लाल मिश्रा के गुरु बने. नौ साल की उम्र से ही उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी. करीब आठ-नौ साल तक पं.छन्नू लाल मिश्रा ने यहीं संगीत की बारीकियां सीखी. इसके बाद बनारस जाकर ठाकुर जयदेव सिंह से संगीत सीखा. शिव की मसाने की होली को तो उन्होंने बनारस की पहचान बना दी. पं.छन्नू लाल मिश्र मुजफ्फरपुर कई बार आये. नीलकमल कहते हैँ कि वर्ष 2016 में वह अंतिम बार मुजफ्फरपुर आये थे और शहर के एक होटल में कार्यक्रम प्रस्तुत किया था. यहां की ठुमरी गायिका बृजबाला देवी को वह अपनी बहन मानते थे. वह जब भी यहां आते तो उनसे मिलने उनके घर जरूरत जाते. मगध महिला कॉलेज के संगीत विभाग के एचओडी डॉ अरविंद कुमार कहते हैं कि पं. छन्नू लाल मिश्र को रामचरित मानस कंठस्थ था. उन्हें श्लोक गाने या उसके उद्धरण को सुनाने में पुस्तक नहीं देखनी पड़ती थी. इसके अलावा संस्कार गीत भी उन्हें पूरी तरह याद थे. उन्होंने अपनी गायकी से शास्त्र और लोक के भेद को मिटाया. डॉ राकेश मिश्र कहते हैं कि छन्नू लाल मिश्र को सुनने का कई बार मौका मिला. उनकी गायकी अद्भुत थी. इनके निधन पर शहर के संगीतज्ञ डॉ शिव शंकर मिश्र, डॉ सिद्धिशंकर मिश्र, प्रेमरंजन सिंह सहित हितकारिणी संघ के संयोजक शिशिर कुमार नीरज, परिहार विधान सभा प्रभारी रामेश्वर सहनी , भाजपा नेता शिवाजी शाही, देवी लाल, भगवानलाल महतो, सुरेश प्रसाद सिंह, रामकलेवर प्रसाद यादव, मोहन पांडेय, रमेश कुमार ओझा, मिथिलेश पासवान, देवानंद प्रसाद, राजीव केजरीवाल, धनंजय शर्मा, हर्षवर्धन ठाकुर, सुनील पांडेय ,अभिषेक सिंह ने शोक प्रकट किया.
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