संवाददाता,मुजफ्फरपुर न्यायालय के बार- बार आदेश के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नहीं करने को लेकर पॉक्सो कोर्ट -1 के विशेष न्यायाधीश धीरेन्द्र मिश्रा ने परिवाद पर सुनवाई करते हुए सकरा थानाध्यक्ष के वेतन से 10 हजार रुपया कटौती कर डालसा में जमा कराने का आदेश दिया है. सकरा थाना क्षेत्र के रहनेवाली पीड़िता ने 8 जनवरी 2015 को पॉक्सो एक्ट के तहत परिवाद दर्ज कराया था. वहीं अहियापुर थानेदार को अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं करने को लेकर वेतन से 5 हजार रुपया कटौती कर डालसा में जमा कराने का आदेश एसएसपी को दिया गया है . कोर्ट ने अहियापुर थाने में दर्ज एक केस में 3 अप्रैल 2024 को संज्ञान लेते हुए जमानतीय वारंट जारी किया था . 20 नवम्बर 2024 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. लेकिन उसके बावजूद अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं की गयी. वही पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज नगर थाने में दर्ज एक केस में दारोगा नीलू कुमारी ने आरोप पत्र समर्पित नहीं किया. इस पर कोर्ट ने वेतन से पांच हजार रुपये कटौती कर आइओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश एसएसपी को दिया है. गिरफ्तारी नहीं करने पर थानेदार से स्पष्टीकरण हथौड़ी थाने में दर्ज एक केस में अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं करने को लेकर हथौडी थानध्यक्ष से कोर्ट ने पूछा है कि आप जबाव दें कि क्यों नही आपके वेतन से 5 हजार रुपया कटौती कर डालसा में जमा कराया जाये . कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अभियुक्तों के विरूद्ध 22 जुलाई 2024 को गैर जमानतीय वारंट जारी किया था. लेकिन इसके बावजूद भी थानाध्यक्ष ने अबतक अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की.
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