पत्रकारिता की ताकत और जनहित के मुद्दों को लगातार उठाने का असर अब मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में साफ-साफ दिखने लगा है़ ”प्रभात खबर” द्वारा पिछले दो महीनों से बेला की बदहाली पर प्रकाशित की जा रही खबरों का नतीजा यह हुआ है कि कभी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसने वाला यह क्षेत्र, अब तेजी से विकास की राह पर लौट रहा है़
हाइलाइट्स
प्रभात खबर की 15 से अधिक खबरों ने उजागर की बेला की बदहाली, सुधार कार्य शुरू.
फेज-1 और फेज-2 में सड़क निर्माण के लिए टेंडर जारी, 300 नई स्ट्रीट लाइटें लगेंगी.
बिजली के तार और झाड़ियां ठीक, टूटी दीवारों की मरम्मत से बढ़ेगी सुरक्षा.
फेज-2 मेन गेट पर कचरा डंपिंग और बदबू की समस्या बरकरार.
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जून महीने के पहले सप्ताह से ही, बेला औद्योगिक क्षेत्र की बदहाली को उजागर करते हुए 15 से अधिक लेखों की एक शृंखला चली. इन लेखों में ”अंधेरे की गिरफ्त में बियाडा के डेढ़ लाख श्रमिक”, ”बिजली के पोल पर झाड़ियों का जंजाल”, ”खतरनाक गड्ढों और जर्जर सड़क से श्रमिक और उद्यमी त्रस्त” जैसे प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था. इन रिपोर्टों ने न केवल श्रमिकों और उद्यमियों की परेशानियों को सामने रखा, बल्कि स्थानीय प्रशासन और बियाडा अधिकारियों को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित किया. इन खबरों का नतीजा यह हुआ कि अब बेला के फेज-1 और फेज-2 में बड़े पैमाने पर सुधार कार्य शुरू हो गए हैं. जो सड़कें पहले खतरनाक गड्ढों और धूल से भरी थीं, अब उनके निर्माण के लिए टेंडर हो चुके हैं और काम भी शुरू हो गया है. यह बेला के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि जर्जर सड़कें लंबे समय से उत्पादन और कारोबार में बाधा बन रही थी.बिजली के तारों व झारियों को दुरुस्त किया
सड़कों के साथ-साथ, बिजली और सुरक्षा व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जा रहा है. खतरनाक ढंग से लटके बिजली के तारों और पोल्स पर लगी झाड़ियों को हटाया गया है. इसके अलावा, पूरे औद्योगिक क्षेत्र में 300 से अधिक नयी लाइटें लगाने के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया गया है, जिससे शाम के बाद भी रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होगी और श्रमिकों को अंधेरे में नहीं रहना पड़ेगा. टूटी हुई दीवारों की मरम्मत का काम भी तेजी से चल रहा है, जिससे क्षेत्र की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटनाओं पर रोक लग सकेगी.इन मुद्दों को उठाने के बाद समाधान का शुरू हुआ काम
अंधेरे में डेढ़ लाख श्रमिक : क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट की कमी, रात में श्रमिकों को परेशानी.
सुधार कार्य :
300 नई स्ट्रीट लाइटें लगाने का वर्क ऑर्डर.बिजली के पोल पर झाड़ियों का जंजाल : पोल पर उगी झाड़ियां, लटके तारों से खतरा
सुधार कार्य :
तारों को ठीक किया गया, झाड़ियां हटाई गईं.जर्जर सड़कें और गड्ढों की समस्या : खतरनाक गड्ढों और धूल भरी सड़कों से उत्पादन और कारोबार प्रभावित.
सुधार कार्य :
सड़क निर्माण के लिए टेंडर जारी, काम शुरू.हवा में प्रदूषण : जहरीली हवा से सांस लेना मुश्किल.
सुधार कार्य :
सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.अग्नि सुरक्षा की कमी :
अग्निशमन उपायों का अभाव, जोखिम बढ़ा.सुधार कार्य
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अग्नि सुरक्षा पर कार्य प्रगति पर.पानी का संकट : 16 किमी क्षेत्र में जलमीनार ठप, पानी की किल्लत.
सुधार कार्य
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जल आपूर्ति व्यवस्था पर काम शुरू.टूटी दीवारें : घेराबंदी में सेंध, सुरक्षा पर सवाल.
सुधार कार्य
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दीवारों की मरम्मत का कार्य तेजी से जारी.बेला औद्योगिक क्षेत्र के बारें में
16 किमी. : बेला औद्योगिक क्षेत्र (फेज-1 और 2) का कुल क्षेत्रफल₹150 : करोड़ यहां का सालाना कारोबार
427 : कुल छोटे-बड़े औद्योगिक यूनिट्स की संख्या1.5 लाख : औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या
5,000 : हर दिन आने-जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों की संख्याजर्जर स्थितिस्ट्रीट लाइटों की सबसे बड़ी समस्या
फेज- 2 मेन गेट को डंपिंग मुक्त करने की जरूरत
इन बदलाव के बीच बियाडा औद्योगिक क्षेत्र में अभी कई बिंदुओं पर सुधर की जरूरत है. फेज-2 मुख्य द्वार के पास ही कचरा डंपिंग होता है, यहां बड़ी मात्रा में गेट के मुहाने पर ही चारों तरफ कूड़ा फैला रहता है, जिसके कारण यूनिट आने-जाने वाले श्रमिकों को बदबू का सामना करना पड़ता है. वहीं कचरा होने के कारण कुत्तों के झूंड से भी राहगीर परेशान है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

