मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड कवच प्रणाली से लैस होगा संवाददाता, मुजफ्फरपुर ट्रेनों के आपसी टक्कर को रोकने के लिए मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड को कवच सुरक्षा प्रणाली से लैस किया जाएगा. रेलवे ने इसके लिए मंजूरी दे दी है और टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके अलावा, हाजीपुर-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर-सुगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड को भी कवच सुरक्षा प्रणाली से लैस किया जाएगा. पटना रूट के कुछ रेलखंड भी इसी परियोजना में शामिल हैं. 219 करोड़ की लागत से निर्माण : इस परियोजना पर लगभग 219 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह कवच प्रणाली अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगी. इसमें समपार फाटक के साथ ही स्टेशन पर भी सुरक्षा प्रणाली लगी रहेगी. यह आपातकाल के समय ट्रेन दुर्घटना को रोकने में सहायक होगी. आरएफआइडी से लैस होंगी ट्रेनें : कवच सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से लैस होगी. इसके लिए इंटरलॉक और नॉन-इंटरलॉक गेटों को चिन्हित किया गया है. स्टेशन और ट्रेनों में आरएफआईडी टैग के माध्यम से सुरक्षा प्रणाली बनाई जाएगी. मॉडम लगाए जाएंगे और कई स्थानों पर टावर भी लगाए जाएंगे, जिनसे इनका नियंत्रण होगा. रेलवे ने इसके लिए लाइन डायग्राम भी जारी किया है. इस प्रणाली के लागू होने के बाद ट्रेन दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी आने की उम्मीद है. हाइफ्रीक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेशन का उपयोग : कवच प्रणाली में हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेशन का उपयोग किया जाता है. यह सुरक्षा मानक स्तर चार के अनुरूप है, जो किसी भी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है. एक बार यह प्रणाली लागू होने के बाद, सीमा के भीतर की सभी ट्रेनें बगल की पटरियों पर खड़ी ट्रेनों की सुरक्षा के मद्देनजर रुक जाएंगी. कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अनुमोदित किया गया है. परीक्षण के दौरान यह देखा गया कि कवच तकनीक आमने-सामने की टक्कर, पीछे से टक्कर और खतरे का संकेत मिलने पर कैसे काम करती है.
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