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इनकम टैक्स चोरी करने वालों पर गिरेगी गाज, 15 हजार से अधिक रजिस्टर्ड दस्तावेज संदेह के घेरे में

More than 15 thousand registered documents

इनकम टैक्स चोरी करने वालों पर गिरेगी गाज, 15 हजार से अधिक रजिस्टर्ड दस्तावेज संदेह के घेरे में

::: मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री ऑफिस में इनकम टैक्स का सर्वे, रजिस्ट्री ऑफिस से जब्त हुए बीते तीन साल के रजिस्टर्ड दस्तावेज; बेनामी संपत्ति वालों की बढ़ेगी मुश्किलें

:: पैन कार्ड होते हुए छिपाकर रजिस्ट्री कराने वालों की बढ़ेगी टेंशन, दो लाख रुपये तक की नगद लेन-देन दिखा सकते हैं रजिस्टर्ड दस्तावेज में

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

जमीन की खरीद-फरोख्त में इनकम टैक्स से बचने के लिए पैन कार्ड होते हुए इसकी जानकारी छिपाने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. मुजफ्फरपुर स्थित जिला निबंधन कार्यालय (रजिस्ट्री ऑफिस) में इनकम टैक्स की सेंट्रल टीम ने गुरुवार को देर रात तक एक बड़ा सर्वे किया. टीम ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दस्तावेजों को खंगाला और उनकी सॉफ्ट कॉपी अपने साथ ले गई. टीम में कुल 17 सदस्य थे. इस कार्रवाई का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जिन्होंने दो लाख से 30 लाख रुपये तक के दस्तावेज तैयार कराकर जमीन की रजिस्ट्री कराई है, लेकिन पैन कार्ड होते हुए भी उसका जिक्र नहीं किया है. इनकम टैक्स विभाग अब प्राप्त डेटा के आधार पर ऐसे सभी लोगों की पहचान करेगा. इसके बाद उन्हें नोटिस भेजकर जुर्माना सहित टैक्स की बकाया राशि वसूल की जायेगी. बताया जा रहा है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में ऐसे 15 हजार से अधिक दस्तावेज हैं, जिनकी रजिस्ट्री 30 लाख रुपये तक की कीमत पर हुई है. यह सर्वे जमीन के कारोबार में होने वाली टैक्स चोरी को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. शुक्रवार को दिन भर रजिस्ट्री ऑफिस में यही घटना चर्चा का विषय बनी रही, जिसने प्रॉपर्टी डीलरों और आम लोगों के बीच हड़कंप मचा दिया है. इनकम टैक्स की यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति और टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

नगद लेन-देन और बेनामी संपत्ति पर शिकंजा

इनकम टैक्स की सेंट्रल टीम के सर्वे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जांच के दौरान टीम को ऐसे कई दस्तावेज मिले हैं जिनमें लाखों नहीं, बल्कि एक करोड़ रुपये तक के नगद लेन-देन का जिक्र है. इन दस्तावेजों को टीम ने अलग से पेन ड्राइव में सुरक्षित कर लिया है और अब इनकी गहराई से जांच की जायेगी. इससे उन लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी जिन्होंने बड़े पैमाने पर नगद लेन-देन कर जमीन की रजिस्ट्री करवाई है.

पत्नी के नाम रजिस्टर्ड संपत्तियां भी जांच के दायरे में

सर्वे के दौरान एक और बड़ा खुलासा हुआ है. इनकम टैक्स की टीम कुछ खास पैन नंबरों और नामों की लिस्ट लेकर पहुंची थी, जिनकी जानकारी रजिस्ट्री ऑफिस में नहीं मिल पाई थी. इन पैन नंबरों के माध्यम से इनकम टैक्स फाइलिंग में 30 लाख रुपये तक की जमीन की खरीद-बिक्री का जिक्र था. जांच में पता चला है कि कई सरकारी नौकरी करने वाले लोगों ने टैक्स से बचने के लिए अपनी पत्नी के नाम से छोटे-छोटे दस्तावेजों के जरिये संपत्तियां खरीदी हैं. इनकम टैक्स विभाग अब ऐसे मामलों की भी बारीकी से जांच कर रहा है, जिसके बाद इन लोगों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Devesh Kumar
Devesh Kumar
I am working as a senior reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on nagar nigam political, social, and current topics.

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