10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

ठंड में भी ब्लोअर व रूम हीटर चलाने से करें परहेज, बढ़ जाएगी फेफड़े और सांस की परेशानी

ठंड में फेफड़े और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों की समस्या बढ़ने लगती है. इस तरह के लोगों में दम फूलने और सांस लेने में भी तकलीफ होने की शिकायत होती है. ठंड में आम तौर पर लोग रूम हीटर व ब्लोअर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, फेफड़े और दिल के मरीजों के लिए ऐसा करना घातक साबित हो सकता है.

ठंड में फेफड़े और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों की समस्या बढ़ने लगती है. इस तरह के लोगों में दम फूलने और सांस लेने में भी तकलीफ होने की शिकायत होती है. ठंड में आम तौर पर लोग रूम हीटर व ब्लोअर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, फेफड़े और दिल के मरीजों के लिए ऐसा करना घातक साबित हो सकता है. ब्लोअर और रूम हीटर कमरे की ऑक्सीजन लेवल को कम कर देते हैं, जिससे फेफड़े और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों की परेशानी बढ़ने लगती है. साथ ही ऐसे मरीजों को धुआं और धूल से भी परहेज करना चाहिए है. ये बातें पारस एचएमआरआइ के पल्मोनरी मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रकाश सिन्हा ने कहीं. उन्होंने रविवार को प्रभात खबर की ओर से आयोजित मेडिकल काउंसेलिंग में फेफड़े और दिल के बीमारियों के लक्ष्ण और उससे बचाव को लेकर लोगों को परामर्श दिया.

किसी की छाती में दर्द, तो किसी को सांस लेने में थी तकलीफ

ठंड से खुद को बचाएं और गरम पानी का सेवन करें. अगर ज्यादा तकलीफ हो, तो एंटी बायोटिक ले सकते हैं. बेहतर होगा कि चिकित्सक से मिलकर एक बार पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) करवा लें.

छह महीने से छाती में हल्का दर्द रहता है और खांसी भी रहती है, कैसे निजात मिलेगा? प्रह्लाद कुमार चौधरी, मुजफ्फरपुर

छाती में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं. इसे जानने के लिए इसीजी व एक्स-रे करना होगा. अगर रिपोर्ट नॉर्मल रहा, तो घबराने की कोई बात नहीं है. दिनचर्या व खानपान में बदलाव कर इस समस्या से निजात पायी जा सकती है.

मुझे हॉर्ट में ब्लॉकेज है. डॉक्टर ने बताया है कि टीबीडी है? इसका क्या इलाज है? राम विनय पांडेय, औरंगाबाद

हॉर्ट में ब्लॉकेज है, तो जल्द-से-जल्द ऑपरेशन करवा लें. फिलहाल ठंड से बचें और गरम पानी से ही स्नान करें. अहले सुबह घर बाहर न निकलें. कमरे के अंदर हीटर या ब्लोअर चलाने से परहेज करें, ऐसा करने से परेशानी और बढ़ सकती है.

मुझे शक है कि कहीं टीबी तो नहीं हो गया है? इसके क्या लक्षण हैं? अरुण शर्मा, मुंगेर

सबसे पहले तो यह जान लें कि टीबी ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज संभव है. छह महीने या साल भर दवाओं का कोर्स चलाने के बाद यह ठीक हो जाता है. टीबी में मरीज को तेज बुखार कुछ दिनों के अंतराल पर आता है. भूख कम लगती है और वजन भी घटने लगता है. अगर ऐसे लक्षण हों, तो एक बार डॉक्टर से मिलकर अपने शक को दूर कर सकते हैं.

मुझे टीबी हो गया था, दवाओं का कोर्स पूरा कर लिया, मगर कभी-कभी खांसी होती है? क्या करें ? इंद्र भूषण सिंह, दानापुर

टीबी पूरी तरह ठीक हुआ है कि नहीं, यह देखना होगा. फेफड़े में टीबी का दाग है या नहीं, इसे देखना होगा. अगर जांच रिपोर्ट नॉर्मल आती है, तो खांसी से घबराने की कोई बात नहीं है. कभी-कभी एलर्जी की वजह से भी खांसी होती है, जो एंटी एलर्जिक दवाओं से दूर हो सकती है.

https://www.youtube.com/watch?v=z5clxXOzoxU

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel