पशुपालन विभाग प्रखंडों में लगा रहा कैंप गांवों में पशुओं का किया जा रहा इलाज उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में इन दिनों मवेशियों में लंपी स्किन डिजीज का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. गायों व बछड़ों को प्रभावित करने वाली इस संक्रामक बीमारी से अब तक कई गायों की मौत हो चुकी है. विभिन्न प्रखंडों में बीमारी तेजी से फैल रही है. इससे पशुपालक चिंतित हैं. रोग का सबसे अधिक प्रकोप कुढ़नी, मड़वन, कांटी, सकरा, मुशहरी व मुरौल प्रखंड में है. पशुपालन विभाग सभी प्रखंडों में बीमारी की रोकथाम के लिए अभियान चला रहा है. पशुपालकों का कहना है कि बीमारी से दूध उत्पादन में गिरावट आयी है. पहले एक गाय 8 से 10 लीटर दूध देती थी, वहीं अब यह घटकर 4 से 5 लीटर हो गया है. यह बीमारी पिछले महीने से ही पशुपालकों के लिए चिंता का सबब है. जिला पशुपालन विभाग के अनुसार जिले में करीब चार लाख गायें हैं. इनमें करीब तीन लाख का टीकाकरण हो चुका है. विभाग की ओर से प्रभावित इलाकों में भ्रमणशील चिकित्सा वाहन पहुंच रहा है और वहां कैंप लगाकर पशुओं का इलाज किया जा रहा है. किसानों को बीमार व स्वस्थ पशुओं को अलग रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि संक्रमण नहीं फैले. पशु चिकित्सकों का कहना है कि मवेशी को पौष्टिक आहार दें, जिससे उसकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे. रोग से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका समय पर टीकाकरण है. इसलिये जिन मवेशियों में यह बीमारी नहीं है, उनका तुरंत टीकाकरण कराना चाहिये. ::::::::::::::::::::::::::: लंपी स्किन एक गंभीर बीमारी है. यह इंसानों में होनेवाली चेचक जैसी है. यदि मवेशी को पहले से वैक्सीन नहीं लगी है और उसे यह बीमारी हो जाती है, तो उसे तुरंत वैक्सीन नहीं लगानी चाहिये. बीमारी के दौरान वैक्सीन लगाने से रोग रुकता नहीं, बल्कि और ज्यादा फैल सकता है. ऐसे में पशुपालकों को घबराने की बजाय घरेलू व आयुर्वेदिक उपायों का सहारा लेना चाहिये. अगर मवेशी के शरीर पर घाव है तो नीम व कपूर का पेस्ट लगाएं. बुखार की स्थिति में पशु डॉक्टर की सलाह से दवा दें.- डॉ मनोज कुमार मेहता, जिला पशुपालन पदाधिकारी
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

