वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर डेंगू की चुनौती मुजफ्फरपुर में दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. जिले में अब तक 28 डेंगू के मरीज सामने आए हैं. लेकिन नए जिले में महज 10 जगहों पर ही फॉगिंग कराई गई है. चिंता की बात यह है कि शहरी क्षेत्र में एक भी जगह फॉगिंग नहीं हुई, जबकि वहां दो मरीज मिले हैं. सदर अस्पताल में फॉगिंग की दवाएं मौजूद हैं, लेकिन फंड न मिलने के चलते फॉगिंग नहीं हो पाई है. अधिकारी फंड की कमी को इसका कारण बता रहे हैं. जिले के नौ प्रखंडों में 23 मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें सबसे अधिक संख्या मुशहरी प्रखंड में सात मरीजों की है. स्वास्थ्य विभाग कई स्तरों पर डेंगू के बचाव को लेकर तैयारी का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि 60 लाख की आबादी वाले जिले के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास मात्र पांच फॉगिंग मशीनें हैं, जिनमें से दो खराब अवस्था में गोडाउन में पड़ी हैं. फॉगिंग मशीन खरीदने का डिमांड मुख्यालय में लंबित है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह 28 मरीज हैं, जबकि निजी अस्पतालों में कई हजार लोग डेंगू जांच और इलाज करा चुके हैं, जिनका रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है. मलेरिया विभाग के पास न तो कोई वाहन है न ही पर्याप्त कर्मचारी और आवंटन. ऐसे में फॉगिंग का काम भगवान भरोसे चल रहा है. मलेरिया पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार के मुताबिक मुख्यालय से भुगतान हेतु वाहन आवंटन की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. स्वास्थ्य विभाग को डेंगू के बढ़ते मामलों को पूरी गंभीरता से लेकर जल्द प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बढ़ती संभावित महामारी को रोका जा सके और आम जनता को सुरक्षित रखा जा सके.
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