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हाहाकार! बूढ़ी गंडक खतरे के निशान पर, सिकंदरपुर स्लुइस गेट हुआ बंद ; बांध के अंदर फंसे सैकड़ों लोग दूसरे जगह शिफ्ट

Hundreds of people trapped inside the dam

घरों में घुसा पानी, जान-माल बचाने सुरक्षित ठिकानों पर पलायन, सिकंदरपुर स्लुइस गेट पर लगाया गया है 38 एचपी क्षमता का पंपिंग सेट

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

नेपाल की पहाड़ियों से छोड़े गये पानी ने मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी को विकराल रूप दे दिया है. नदी में आये तेज उफान के कारण शहरी क्षेत्र में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है, जिसने बांध के अंदर बसे निचले मोहल्लों में हाहाकार मचा दिया है. नदी का पानी सिकंदरपुर स्थित स्लुइस गेट तक पहुंच चुका है, जिसके बाद नगर निगम ने तत्काल गेट बंद कर दिया और शहर को डूबने से बचाने के लिए पंपिंग सेट लगाये हैं. नदी का जलस्तर बढ़ने से बांध के अंदर और समीप बसे कई शहरी मोहल्लों में पानी घुस चुका है. जीवन बचाने के लिए स्थानीय लोग अब विस्थापन को मजबूर हैं. घरों और गलियों में पानी भर जाने के कारण लोगों का जीवन दूभर हो गया है. बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक है. लोग अपना घर छोड़कर, मवेशियों (जानवरों) और जरूरी सामानों के साथ ऊंचे स्थानों या रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट कर रहे हैं. सुरक्षित ठिकानों की तलाश में सड़कों पर अफरातफरी का माहौल है. निचले इलाकों में जलजमाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा का संकट गहरा गया है.

शहर को बचाने के लिए 24 घंटे की निगरानी

नदी के बढ़ते दबाव को देखते हुए नगर निगम ने शहर को बचाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी की है. मुख्य फोकस स्लुइस गेट को सील कर नाले के पानी की निकासी पर है. सिकंदरपुर स्लुइस गेट को बंद कर कर्मियों की तैनाती करते हुए 38 एचपी का पंपिंग सेट लगाया गया है. दूसरी तरफ, चंदवारा स्लुइस गेट के समीप 84 एचपी का पंपिंग सेट लगा 24 घंटे नदी के पानी बढ़ने पर निगरानी रखी जा रही है. ताकि, जैसे ही नदी का पानी वहां पहुंचे, गेट को तुरंत बंद किया जा सके. प्रशासन का प्रयास है कि नाले के पानी को पंपिंग सेट के जरिए तुरंत नदी में वापस डालकर शहर को डूबने से बचाया जा सके.

अहियापुर थाना परिसर में घुसा पानी, गाड़ियां डूबी

बूढ़ी गंडक नदी का पानी अहियापुर थाने तक पहुंच गया है. मालखाने में रखी गई जब्त गाड़ियां डूब गयी हैं. थानाध्यक्ष रोहन कुमार ने बताया कि नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी जारी है. अगर पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो थाना परिसर में कामकाज प्रभावित हो सकता है. ऐसी स्थिति में हम तत्काल पुराने थाने से कार्य संचालन शुरू कर देंगे. वहीं, थाने में आने वाले फरियादियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन को स्थिति से अवगत करा दिया गया है और एहतियातन सभी जरूरी दस्तावेज ऊपरी मंजिल पर शिफ्ट किए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि छह साल बाद थाने कैंपस में पानी घुसा है.

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Devesh Kumar
Devesh Kumar
I am working as a senior reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on nagar nigam political, social, and current topics.

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