::: तिलक मैदान एवं इस्लामपुर रोड में सबसे ज्यादा प्रभावित, लोगों के घरों व दुकानाें में घुसा पानी ::: स्टेशन रोड से नहीं खत्म हो रहा है जलजमाव की समस्या, शहर के निचले इलाके के लोगाें को घर से निकलना हुआ मुश्किल
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
सावन के अंतिम दिन और रक्षाबंधन के मौके पर शनिवार को हुई झमाझम बारिश ने एक तरफ लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत दी, तो दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर की पोल खोल दी. दोपहर में लगभग दो घंटे तक हुई जोरदार बारिश से शहर के कई प्रमुख इलाके पानी-पानी हो गये. सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बारिश का सबसे ज्यादा असर मोतीझील के आसपास के इलाकों में देखने को मिला है. तिलक मैदान रोड, धर्मशाला चौक, इस्लामपुर, स्टेशन रोड और आमगोला रोड जैसी महत्वपूर्ण सड़कों पर जलजमाव हो गया. हाल ही में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनी तिलक मैदान रोड की हालत इतनी खराब थी कि पानी दुकानों के अंदर तक घुस गया. लहठी मंडी इस्लामपुर और सूतापट्टी की कई गलियों में भी यही हाल था. धर्मशाला चौक व इस्लामपुर रोड में भी काफी पानी जमा हो गया था. हालांकि, बारिश रुकने के ढाई से तीन घंटे के बाद मुख्य सड़कों से पानी निकल गया, लेकिन शहर के निचले इलाकों जैसे मिठनपुरा, बावनबीघा, बेला, बीबीगंज, ब्रह्मपुरा, राहुल नगर और बैरिया से सटे कई मोहल्लों में देर तक पानी जमा रहा.
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निगम की टीम उतरी पानी निकालने में
शहर में जलजमाव की खबर मिलते ही नगर निगम की टीम हरकत में आयी. बारिश थमने के बाद, मुख्य सड़कों और मोहल्लों में जमा पानी को निकालने के लिए जेसीबी के साथ इंजीनियर और निगम के कर्मचारी मैदान में उतरे. जल निकासी व्यवस्था की कमी के कारण हर साल ऐसी स्थिति बनती है, जिससे स्मार्ट सिटी के दावों पर सवाल उठते हैं.
रामदयालुनगर स्टेशन के सामने सड़क पर बड़े गड्ढे बने खतरनाक
रामदयालुनगर स्टेशन के मुख्य द्वार के ठीक सामने की सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं. बारिश के बाद इन गड्ढों में पानी भर गया है, जिससे सड़क और गड्ढों में फर्क करना मुश्किल हो गया है. इससे राहगीरों, खासकर दोपहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है. यह सड़क रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आती है, इसलिए इसकी मरम्मत और निर्माण की जिम्मेदारी रेलवे की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे की अनदेखी के कारण सड़क की हालत लगातार खराब होती जा रही है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है.
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