Muzaffarpur News: ऑडिट टीम ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट जिला पंचायती राज पदाधिकारी (DPRO) को सौंपी है, जिसमें वित्तीय अनियमितता का उल्लेख किया गया है. इसके अलावा, ऑडिट में 37 लाख रुपये से अधिक की अन्य वित्तीय अनियमितताओं का भी पता चला है. यह राशि 15वीं छठी वित्त आयोग के तहत पंचायत को विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराई गई थी.
जांच का निष्कर्ष हेडक्वार्टर आएगा
ऑडिट के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने इस राशि के खर्च होने का दावा तो किया, लेकिन इससे संबंधित कोई भी वैध बिल या अन्य प्रमाण प्रस्तुत करने में वे विफल रहे है. इसके चलते ऑडिट टीम ने इस पूरी राशि को आपत्ति की श्रेणी में रखा है और इसकी गहन जांच की सिफारिश की है. टीम ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी से अपने स्तर पर भी इस मामले की जांच कराने और जांच के निष्कर्षों से हेडक्वार्टर को अवगत कराने का अनुरोध किया है.
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सरकार के लक्ष्य को पाने में विफल
टीम ने कहा कि सरकार द्वारा पंचायत में सड़क, नाला और अन्य विकास कार्यों के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि आवंटित की जाती है. इसके बावजूद 79 लाख रुपये से अधिक की राशि का पंचायत के खाते में निष्क्रिय पड़ा रहना गंभीर चिंता का विषय है. यह दर्शाता है कि आवंटन के बाद भी महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं किया गया, जिसके कारण पंचायत सरकार द्वारा निर्धारित विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रही है.
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उठे सवाल
ऑडिट टीम ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर उक्त राशि से विकास कार्यों को शुरू कराने का आग्रह किया है. साथ ही, पंचायत के कामकाज की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके. इस बड़े वित्तीय गोलमाल के सामने आने से पंचायत के कामकाज और विकास कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं.