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मुजफ्फरपुर में आसमान से निगरानी, ​​ड्रोन पुलिस यूनिट करेगी अपराधियों का सफाया, दारोगा और 4 कांस्टेबल का हुआ चयन

एडीजी के निर्देश के बाद अब बिहार के सभी जिलों में ड्रोन पुलिस यूनिट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. तिरहुत रेंज के चार जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली में इसकी प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है. ड्रोन पुलिस यूनिट के संचालन के लिए पुलिस अफसरों और जवानों का चयन कर लिया गया है. कई जिलों में इसकी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है.

Bihar Police: मुजफ्फरपुर जिले में क्राइम कंट्रोल व यातायात नियंत्रण के लिए ड्रोन पुलिस यूनिट की स्थापना की जाएगी. इसको लेकर एसएसपी राकेश कुमार ने एक दारोगा और चार सिपाही का चयन कर लिया है. चयनित दारोगा व सिपाहियों को डीजीसीए से अधिकृत रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा. पुलिस मुख्यालय ने एसटीएफ को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है.

क्राइम कंट्रोल में मिलेगी मदद

ड्रोन पुलिस यूनिट की स्थापना होने के बाद से पुलिस को दियारा इलाके में क्राइम कंट्रोल करने व शराब माफियाओं पर नकेल कसने में मदद मिलेगी. जिला पुलिस मुख्यालय में इसकी एक अपनी शाखा होगी. जिले की आबादी और उसके क्षेत्रफल के अनुसार 250 ग्राम से लेकर डेढ़ क्विंटल तक ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. ड्रोन पुलिस यूनिट के लिए ऐसे पुलिस पदाधिकारी व सिपाहियों का चयन किया गया है जिनके शैक्षणिक योग्यता में टेक्निकल एजुकेशन जुड़ा हुआ है. इसी माह के अंत तक ट्रेनिंग पूरी की जाएगी.

सभी जिलों में स्थापित होगी ड्रोन पुलिस यूनिट

जानकारी हो कि, मिशन सुरक्षा के तहत बिहार के सभी जिलों में ड्रोन पुलिस यूनिट की स्थापना की जाएगी. 2024 की शुरुआत में ही एडीजी मुख्यालय जीएस गैंगवार ने ड्रोन पुलिस यूनिट की स्थापना को लेकर निर्देश जारी किया था. इसमें बिहार के हर जिले में ड्रोन पुलिस यूनिट की स्थापना होने की बात कही थी. उन्होंने बताया था कि हर जिले की क्षेत्रफल और आबादी के अनुसार ड्रोन की खरीदारी की जाएगी. ड्रोन पुलिस यूनिट के लिए चयनित जवानों को विशेषज्ञ की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए बिहार पुलिस ने तमिलनाडु , उत्तराखंड और एयरफोर्स में ड्रोन इस्तेमाल का अध्ययन भी किया गया है.

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दियारा व जंगली इलाके में छिपे अपराधी और शराब माफियाओं को खोजने में मिलेगी मदद

जिले में ड्रोन पुलिस यूनिट की स्थापना होने के बाद से अपराध नियंत्रण में पुलिस को काफी मदद मिलेगी. बूढ़ी गंडक, बागमती व गंडक नदी के दियारा में अपराधियों का अड्डा बना रहता है. बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी दियारा इलाके में जाकर छिप जाते हैं. ऐसे में अब हाइ रेजुलेशन क्षमता वाली ड्रोन की कैमरा की मदद से पुलिस उनको खोज लेगी. अपराधियों की समय से गिरफ्तारी होने के बाद पीड़ित को न्याय मिलने में देरी नहीं होगी.

उत्पाद विभाग पहले से ही ड्रोन कैमरा से है लैस, शराब माफियाओं के ठिकाने पर करती है रेड

उत्पाद विभाग की टीम ढाई साल पहले ही ड्रोन कैमरा से लैस हो चुकी है. सहायक उत्पाद आयुक्त ने अलग उत्पाद ड्रोन यूनिट ही बना रखी है. ड्रोन कैमरा की मदद से दियारा इलाके में देशी व चुलाई शराब के अड्डे पर छापेमारी की जाती है. इसके अलावा विदेशी शराब माफियाओं को भी पकड़ने में मदद मिलती है. कई बार जिला पुलिस भी इस ड्रोन कैमरा की मदद से शराब माफियाओं के ठिकाने पर रेड कर चुकी है.

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