मुजफ्फरपुर.
उद्योग विभाग की योजनाओं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एवं बिहार लघु उद्यमी योजना की समीक्षा में सुस्ती बरतने वाले बैंक अधिकारियों को डीएम ने 31 मार्च तक शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का आदेश दिया.बिहार लघु उद्यमी योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतर्गत जिले के 1815 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जिसमें से 1690 लाभुकों को प्रथम किस्त के रूप में प्रति लाभुक 50,000 रुपये दिए गए हैं.प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने बैंकवार स्वीकृति एवं व्यय की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की व लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने का सख्त निर्देश दिया. महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना का प्राप्त लक्ष्य 610 के विरुद्ध अब तक विभिन्न बैंक शाखाओं द्वारा 424 ऋण स्वीकृत किए गए हैं . 303 लाभुकों को ऋण वितरित किया जा चुका है.बैठक से इंडियन बैंक, केनरा बैंक, यूको बैंक के प्रतिनिधि अनुपस्थित पाए गए. इन बैंकों द्वारा न तो टारगेट पूरा किया गया और न ही बैठक में उपस्थित हुए. डीएम ने संबंधित बैंक के उच्चाधिकारी को इस आशय के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया, ताकि सरकारी दिशा निर्देश के अनुरूप कार्य में प्रगति लाई जा सके.
विश्वकर्मा योजना में जमानत की मांग पर नाराजगी
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा के क्रम में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा बताया गया कि संबंधित पोर्टल पर अब तक 9720 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 8814 आवेदन को स्टेज 3 के लिए अग्रसारित कर दिया गया है. बैठक में उपस्थित विशेषज्ञ सदस्य द्वारा संज्ञान में लाया गया कि बैंकों द्वारा इस योजना की ऋण स्वीकृति हेतु लाभुकों से जमानत की मांग की जाती है. इस संबंध में जिलाधिकारी ने विभागीय गाइडलाइंस का पालन करने तथा उसके अनुरूप कार्य करने को कहा. इसके तहत किसी तरह का जमानत नहीं देना है. डीएम ने कहा कि विशिष्ट मामला संज्ञान में लाए जाते हैं तो उस मामले की वरीय उप समाहर्ता से जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है