तीन डेडलाइन फेल, छठ व दिवाली की भीड़ से पहले यात्री सुविधाओं को लेकर अधिकारी चिंतित
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जंक्शन के पुनर्विकास के काम में लगातार देरी हो रही है. खासकर, नयी कंबाइंड टर्मिनल बिल्डिंग में ऑफिसों और सुविधाओं को शिफ्ट करने का मामला लंबे समय से अटका हुआ है. रेलवे के वरीय अधिकारियों के आधे दर्जन से अधिक निरीक्षण और तीन डेडलाइन फेल होने के बाद भी यह काम पूरा नहीं हो सका है. अब दिवाली और छठ पूजा की भारी भीड़ से पहले यात्री सुविधाओं को लेकर रेलवे प्रशासन की चिंता बढ़ गयी है. सोमवार को रेलवे अधिकारियों की स्थानीय टीम और आरएलडीए की टीम ने नयी कंबाइंड टर्मिनल बिल्डिंग का फिर से निरीक्षण किया. इस दौरान स्टेशन डायरेक्टर रवि शंकर महतो ने बताया कि पिछली बार जो जरूरी काम पूरे करने के लिए कहा गया था, उनमें से अभी भी काफी काम बाकी है. उन्होंने यह भी बताया कि पुराना वेटिंग एरिया टूट जाने के बाद, यात्रियों के लिए नये स्थान पर पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराना सबसे पहली प्राथमिकता है. इसके बिना शिफ्टिंग संभव नहीं है. अधिकारियों ने सोमवार को भी एक नयी सूची सौंपी है, जिसमें यह जानकारी मांगी गयी है कि प्लेटफॉर्म संख्या-1 को कहां से कहां तक तोड़ा जाएगा. इसी जानकारी के आधार पर ट्रेनों के परिचालन की नयी योजना बनायी जाएगी. निरीक्षण के दौरान स्टेशन डायरेक्टर के साथ स्टेशन अधीक्षक अखिलेश सिंह, ट्रैफिक इंस्पेक्टर नवीन कुमार, डिप्टी एसएस कॉमर्शियल मृत्युंजय शर्मा, सीसीआइ नीरज पांडेय सहित कई अधिकारी थे.
व्यवस्था के बिना टिकट काउंटर को शिफ्ट करना मुश्किल
इस पूरे मामले में यूटीएस टिकट काउंटर की शिफ्टिंग सबसे बड़ी चुनौती है. रेलवे प्रशासन को यह डर है कि अगर सही व्यवस्था के बिना टिकट काउंटर को शिफ्ट किया जाता है तो रोजाना आने वाले 15 हजार से अधिक यात्रियों को भारी असुविधा होगी. इसके अलावा, आने वाले दिनों में दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहार हैं, जब यात्रियों की भीड़ कई गुना बढ़ जाएगी. ऐसे में यात्रियों को टिकट के लिए एक किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाने से अव्यवस्था फैल सकती है. स्थानीय रेल प्रशासन ने इस संभावित अव्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट भी तैयार की है.
प्रमुख अड़चन:
यूटीएस टिकट काउंटर की शिफ्टिंग सबसे बड़ी समस्यायात्री दबाव:
हर दिन 15 हजार से अधिक यात्रियों को डायवर्ट करना मुश्किल है, खासकर त्योहारों के समय में.सुविधाओं की कमी:
पुराना वेटिंग एरिया टूटने पर नये स्थान पर पर्याप्त सुविधाओं का इंतजाम अभी बाकी हैलगभग 1 किमी. का चक्कर:
नयी व्यवस्था में टिकट काउंटर के लिए यात्रियों को एक किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

