22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सिंचाई में पानी की बर्बादी रोकने के लिए बनाया सेंसर

जल की बचत करेगा एमआइटी में विकसित डिवाइस

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर फसलों की सिंचाई के लिए किसान वर्षा जल के साथ भूजल पर काफी हद तक निर्भर हैं. देश के पानी की कुल जरूरतों का 80 प्रतिशत हिस्सा सिंचाई में ही खर्च होता है. ऐसी स्थिति में अत्यधिक सिंचाई से काफी मात्रा में पानी की बर्बादी होती है. इस बर्बादी को रोकने के लिए एमआइटी के मैकेनिकल ब्रांच के छात्रों ने सस्टेनेबल वाटर इरिगेशन सिस्टम तैयार किया है. इसमें ऐसा माइश्चर सेंसर विकसित किया है, जो जड़ की गहराई और उसके लिए जमीन में तय गहराई तक जरूरी नमी का विश्लेषण कर डीसी मोटर के संचालन को नियंत्रित करेगा. खेतों में आवश्यकता से अधिक पानी जमा हाेने से फसलों को नुकसान भी हो रहा है. ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए छात्रों ने एक डिवाइस तैयार किया है. इसकी मदद से सिंचाई में होने वाली पानी की बर्बादी से निजात मिलेगी. आठवें सेमेस्टर के छात्रों ने प्रो इरफान हैदर के मार्गदर्शन में सस्टेनेबल वाटर इरिगेशन सिस्टम को विकसित किया है. छात्रों ने इसका ट्रायल कर लिया है. ट्रायल भी सफल रहा है. टीम में शामिल दीपांशु, आनंद कुमार, आर्यन सिंह, निर्भय राज ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में यह उपकरण बेहद उपयोगी साबित होगा. इसकी मदद से पानी की बचत तो होगी ही साथ ही पंपसेट से सिंचाई के समय डीजल या बिजली की जरूरत भी कम पड़ेगी. प्राचार्य प्रो एमके झा व मैकेनिकल के विभाग अध्यक्ष ने छात्रों को शुभकामनाएं दी हैं. कहा है कि इस प्रोजेक्ट से कृषि क्षेत्र में लाखों लीटर पानी की बचत होगी. इस प्रकार काम करेगा डिवाइस मैकेनिकल के छात्रों की ओर से विकसित उपकरण में मिट्टी की नमी को मापने के लिए एक सेंसर का इस्तेमाल किया गया है. सेंसर मिट्टी की नमी को मापकर पंप को सिग्नल भेजेगा. इसके बाद आवश्यकतानुसार ही पानी का छिड़काव होगा. जैसे ही मिट्टी की नमी एक निश्चित सीमा तक पहुंच जाएगी मोटर को स्वतः सिग्नल चला जाएगा और पानी का बहाव बंद हो जाएगा. इससे पारंपरिक सिंचाई में होने वाली पानी की बर्बादी पर रोक लगायी जा सकेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें