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बंध्याकरण के लिए गर्भवतियों की काउंसेलिंग कागजों पर

एमसीएच के काउंसेलिंग रूम में नहीं आतीं हैं काउंसलर

मुजफ्फरपुर. सदर अस्पताल के एमसीएच में गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान या बाद में सही देखभाल के लिए काउंसलिंग की शुरुआत की गयी थी. लेकिन अब ये कागजों पर ही होने लगी है. एमसीएच में बनाये गये काउंसलिंग रूम में काउंसलर नहीं आती हैं. ऐसे में गर्भवतियों की काउंसेलिंग भी नहीं की जा रही है. इससे महिलाएं बंध्याकरण कराने में भी हिचक रही हैं. इस साल जनवरी से लेकर अगस्त तक की जो बंध्याकरण की रिपोर्ट है, उसमें 567 महिलाएं ने ही बंध्याकरण कराया. ये गर्भवती महिलाएं हैं जो पखवाड़े के दौरान की गई हैं. बंध्याकरण को बढ़ावा देने के लिए एमसीएच में प्रसव के बाद माता के साथ नवजात शिशु की बेहतर देखभाल की जरूरत होती है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रसव के लिए अस्पताल में आने वाली महिलाओं को प्रसव के पूर्व और बाद में काउंसेलिंग की जाती है. जिसमें काउंसलर प्रसव के बाद महिलाओं को नवजात शिशु देखभाल के विषय में जानकारी देती हैं. इसके साथ ही प्रसव के बाद आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं व नवजात शिशुओं की देखभाल करती हैं. 40 दिनों तक आशा कार्यकर्ता घर पर भ्रमण करती हैं.

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