::: पार्षद से दुर्व्यवहार का मामला सुलझा; मेयर, नगर आयुक्त और पार्षदों की मौजूदगी में इंजीनियर ने जताया खेद, एफआइआर भी वापस लेने के निर्देश
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
नगर निगम में कार्यपालक अभियंता (एक्जीक्यूटिव इंजीनियर) द्वारा वार्ड नंबर 27 के पार्षद अजय कुमार ओझा के साथ किए गये दुर्व्यवहार का बहुचर्चित मामला आखिरकार सुलझ गया है. इस विवाद ने शनिवार को होने वाली सशक्त स्थायी समिति की मीटिंग में बड़ा राजनीतिक रूप ले लिया था, जहां नाराज पार्षद इंजीनियर के खिलाफ निंदा प्रस्ताव और सेवा वापसी का प्रस्ताव पारित करने की तैयारी में थे. लेकिन, महापौर के प्रभावी हस्तक्षेप और कई दिनों से चल रहे सुलह-समझौते के प्रयासों के कारण, चलती मीटिंग को बीच में रोककर मामले का पटाक्षेप कर दिया गया. पिछले दिनों सहायक अभियंता को डांट लगाए जाने के क्रम में पार्षद अजय कुमार इंजीनियर के चैंबर में पहुंचे थे. सहायक अभियंता पर उखड़े एक्जीक्यूटिव इंजीनियर उसी समय पार्षद पर भड़क गए थे, जिसके बाद यह मामला काफी राजनीतिक रूप से तूल पकड़ लिया था.10 मिनट मीटिंग स्थगित कर मामले का अंत
मामले को सुलझाने के लिए महापौर ने एक बड़ा कदम उठाया. उन्होंने चलती मीटिंग को दस मिनट के लिए स्थगित किया और नगर आयुक्त तथा सभी स्थायी समिति के सदस्यों की मौजूदगी में निगम कर्मियों को मीटिंग से बाहर निकाल दिया.इस दौरान, विवाद से जुड़े पार्षद अजय ओझा और सनत कुमार को भी मीटिंग में बुलाया गया. महापौर ने बताया कि विवाद के बाद एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने पार्षदों के सामने खेद प्रकट किया. खेद प्रकट करने के बाद मामले को खत्म करा दिया गया. सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को एक-दूसरे का सम्मान करते हुए काम करने को कहा गया है.
अच्छे व्यवहार को लेकर कर्मचारियों को कड़ी हिदायत
महापौर ने बताया कि नगर प्रशासन को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे उन कर्मियों को कड़ी हिदायत दें, जो आम जनता और जन-प्रतिनिधियों का सम्मान नहीं करते हैं.
इसके अलावा, मेयर ने सनत कुमार के खिलाफ नगर निगम की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी को भी वापस लेने के लिए नगर आयुक्त को कहा है. नगर आयुक्त इस पर विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

