— सिंडिकेट की बैठक में लिया गया कई अहम फैसला
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह 25 अगस्त को ””””श्री बाबू”””” ऑडिटोरियम में होगा. विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम का नामकरण बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर करने के प्रस्ताव को सिंडिकेट सदस्यों की मंजूरी मिल गयी है. इसके अलावा, कम्युनिटी हॉल का नाम राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ””””दिनकर”””” और परीक्षा भवन का नाम आचार्य जेबी कृपलानी के नाम पर रखा जाएगा. इन सभी भवनों पर जल्द ही महापुरुषों के नाम के बोर्ड लगाए जाएंगे. विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. समारोह के लिए ऑडिटोरियम, प्रशासनिक भवन और गेस्ट हाउस का नवीनीकरण और रंग-रोगन किया जा रहा है. कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय की अध्यक्षता में हुई सिंडिकेट की बैठक में तैयारियों और खर्च पर चर्चा हुई. चूंकि विश्वविद्यालय में फाइनेंस ऑफिसर का पद खाली है, इसलिए खर्च का मदवार ब्योरा तैयार नहीं हो सका. हालांकि, सदस्यों की सहमति से समारोह की तैयारी और होने वाले कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है. कुछ सदस्यों ने मदवार खर्च का अनुमानित ब्योरा न होने पर चिंता जताई, लेकिन अंत में प्रस्ताव पास हो गया.
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2026 में राष्ट्रपति होंगी मुख्य अतिथि
कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने बताया कि अगले साल यानी 2026 में होने वाले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति को आमंत्रित करने की योजना है. उन्होंने विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने की भी पहल की है. इस साल केवल नवीनीकरण हो रहा है, लेकिन अगले साल के आयोजन से पहले इसे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा.
एलएस कॉलेज के पास बनेगा विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार
दूसरी ओर विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार एलएस कॉलेज खेल मैदान के दक्षिण में तिराहे के पास बनेगा. कुलपति ने सिंडिकेट की बैठक में बताया कि यह भव्य और आकर्षक गेट बनाया जाएगा, जिससे परिसर में प्रवेश करने वाले छात्रों को गौरव का अनुभव होगा. यह द्वार एलएस कॉलेज और विश्वविद्यालय की सीमा को स्पष्ट रूप से दर्शाएगा, जिससे बाहर से आने वाले लोगों को भी आसानी होगी.
सिंडिकेट बैठक में उठे छात्रों के मुद्दे, डिजिटल डिग्री पर जोर
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर की सिंडिकेट सदस्य डॉ. सीमा शर्मा ने सिंडिकेट बैठक में छात्रों और शिक्षकों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए. उन्होंने एलएनडी कॉलेज, मोतिहारी सहित कई कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी पर चिंता व्यक्त की, जिसका सीधा असर छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है. डॉ. शर्मा ने छात्रों को डिग्री मिलने में हो रही देरी की समस्या को प्रमुखता से उठाया और इसके समाधान के लिए डिजिटल डिग्री सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया. उनका मानना है कि इससे छात्रों को बिना विलंब और पारदर्शी तरीके से अपनी डिग्री मिल सकेगी. इसके अतिरिक्त, उन्होंने वितरहित शिक्षकों को समय पर अनुदान देने का मुद्दा भी उठाया, जिसे उन्होंने शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ बताया. बैठक में डॉ. शर्मा के प्रस्ताव पर विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम का नाम बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्री कृष्ण सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ.
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