बंदरा़ नसबंदी के करीब तीन साल बाद एक महिला ने बेटी को जन्म दिया है़ इससे नाराज परिजन प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी के डॉक्टरों पर नसबंदी में लापरवाही का आरोप लगा रहे है़ं हत्था थाना क्षेत्र के घोसरामा गांव निवासी जालंधर राम की 34 वर्षीया पत्नी सरिता देवी ने दिसंबर-2022 में पीएचसी में नसबंदी करायी थी. बावजूद उसने एक पुत्री को पीएचसी में जन्म दिया है. परिजनों ने बताया कि पहले से महिला को छह बच्चे हैं, जिनमें एक पुत्र और पांच पुत्री है. अब सातवां बच्चा होने से उसके लालन-पालन की चिंता होने लगी है. महिला का पति दिल्ली में मजदूरी कर किसी तरह परिवार का गुजर-बसर कर रहा है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से ऑपरेशन सफल नहीं हो सका है, जिसका खामियाजा अब उसे भुगतना पड़ रहा है. पीएचसी प्रभारी डॉ नौशाद अहमद ने बताया कि पीएचसी में एजेंसी की टीम आकर नसबंदी करती है. इसकी लिखित शिकायत मिलने पर प्रावधान के अनुसार सहायता राशि दिलाने के लिए विभाग को रिपोर्ट की जायेगी.
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