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सूरज हत्याकांड: प्रिंस की हत्या के बाद से ही निशाने पर था सूरज

मुजफ्फरपुर : पंकज मार्केट शंकर लेन निवासी सरफराज उर्फ प्रिंस की हत्या के बाद से ही उसके परिजन आरोपी सूरज को निशाने पर था. हत्याकांड में आत्मसमर्पण के बाद कोर्ट हाजत पर प्रिंस के परिजनों ने सूरज पर हमला भी किया था. घटना के बाद से की उसके परिजन किसी अनहोनी को लेकर आशंकित थे. […]

मुजफ्फरपुर : पंकज मार्केट शंकर लेन निवासी सरफराज उर्फ प्रिंस की हत्या के बाद से ही उसके परिजन आरोपी सूरज को निशाने पर था. हत्याकांड में आत्मसमर्पण के बाद कोर्ट हाजत पर प्रिंस के परिजनों ने सूरज पर हमला भी किया था. घटना के बाद से की उसके परिजन किसी अनहोनी को लेकर आशंकित थे. पुलिस पदाधिकारियों को मामले की लिखित सूचना देते हुए उसके सुरक्षा की गुहार भी लगायी थी, लेकिन उनकी बातों को पुलिस ने हल्के में लिया था. पुलिस की कार्यशैली से का फायदा उठाकर अपराधियों ने कोर्ट हाजत के पास ही सूरज के हत्या कर दी.
सूरज के घर पर हुआ था हमला . प्रिंस ही हत्या के अगले ही दिन आरोपी सूरज के घर पर हमला बोल तोड़-फोड़, मारपीट, लूटपाट व आगजनी को अंजाम दिया था. घटना के बाद सूरज तो भाग गया और उसके पिता नागेंद्र व भाई सन्नी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था . घायल मां ललिता देवी व बहन संजना भारती भी इस मारपीट में घायल हो गयी थी. परिवार के सभी सदस्यों के भाग जाने के बाद गाय चारा और पानी के बिना बेहाल थी. स्थानीय कुछ लोगों ने जब गाय को चारा व पानी दिया तो दुसरे पक्ष के लोगों ने उसे ईट व पत्थरबाजी की थी . सूरज की मां ललिता देवी ने भी नगर थाने में प्रिंस के भाई, पिता, चाचा व परिवार के अन्य सदस्यों पर घर में तोड़-फोड़ करने, आगजनी, लूटपाट व जानलेवा हमला करने की एक प्राथमिकी नगर थाना में दर्ज करायी थी. इस मामले में वसीम, शमशाद व आबिद सहित 21 लोगों को नामजद किया गया था. डीएसपी नगर ने वसीम, शमशाद,आबिद सहित दस लोगों को मामले का दोषी पाते हुए उनके गिरफ्तारी का आदेश भी दिया था.
सूरज के पिता- भाई पर हुआ था हमला
प्रिंस हत्याकांड में जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद सूरज के भाई सन्नी व उसके पिता नागेन्द्र साह के हत्या की भी कोशिश की गयी थी. 25 फरवरी को अपराधियों ने उसके घर पर हमला किया था. अपराधी नगेन्द्र साह व सन्नी को खोज रहे थे. 27 फरवरी को नागेन्द्र साह ने इस घटना की लिखित जानकारी तत्कालीन एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा को देते हुए सुरक्षा मांगी थी.
गिरफ्तारी हो जाती तो बच सकता था सूरज
सूरज की मां ललिता देवी व बहन संजना भारती ने जिलाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह से कहा कि अगर पुलिस उसके घर पर हमला करनेवालों की िगरफ्तारी कर लेती , तो सूरज बच जाता. ये लोग खुलेआम जेल में ही उसकी हत्या करने की धमकी लगातार दे रहें थे. इसकी जानकारी हम लोग बार-बार एसएसपी को दे रहे थे.
आत्मसमर्पण के दौरान भी हुआ था हमला
प्रिंस हत्याकांड में सूरज ने 19 अगस्त को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. आत्मसमर्पण के बाद पुलिस जब उसे कोर्ट हाजत के पास ले जा रही थी. तो प्रिंस के भाई वसीम सहित कई लोगों ने उसपर हमला भी कर दिया था.
पांच फीट दूर से मारी गोली
सूरज का पोस्टमार्टम कर रही डाॅक्टरों की टीम ने बताया कि उसे करीब पांच फीट की दूरी से दो गोली मारी गयी थी. एक गोली बायीं हाथ के कलाई पर लगी थी, जबिक दूसरी गोली सामने से सिर में मारी गयी थी. दोनों गोली शरीर के आरपार हो गयी थी. पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट के निगरानी में की गयी.
आरोिपतों की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज थे प्रिंस के परिजन
नगर थाना के पंकज मार्केट शंकरबाग लेन निवासी सरफराज उर्फ प्रिंस की 12 अगस्त 2015 को हत्या के बाद से ही घटना के नामजद अभियुक्त सूरज को उसके परिजनों ने निशाने पर ले लिया था. आत्मसमर्पण करने के बाद कोर्ट हाजत पर प्रिंस के परिजनों ने उस पर हमला किया था. इसके बाद उसके परिजनों ने पुलिस के वरीय पदाधिकारियों के यहां आवेदन देकर उसके सुरक्षा की गुहार लगायी थी, लेकिन उसे किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं करायी गयी थी.
िसंकदरपुर में िमला था िप्रंस का शव . पंकज मार्केट शंकर बाग लेन निवासी सरफराज उर्फ प्रिंस की हत्या 12 अगस्त की रात्रि गोली मारकर कर दी गयी थी. उसका शव न्यू एरिया सिकंदरपुर में मिला था. प्रिंस के हत्या की प्राथमिकी संख्या-608/15 उसके भाई वसीम ने नगर थाना में दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में अपने पड़ोसी सूरज कुमार, उसके पिता नागेंद्र साह, भाई सन्नी कुमार, प्रमोद महतो, दीनानाथ महतो, कुंदन कुमार, दीपक कुमार, चंदन कुमार यादव के विरुद्ध दर्ज करायी थी. पुलिस ने घटना के तुरंत बाद नागेंद्र साह, सन्नी व चंदन यादव को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने सन्नी व चंदन यादव को जेल भेज दिया था. आरोपी सूरज ने 19 अगस्त को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था.
सूरज के घर पर हमला करनेवाले की भी नहीं हो सकी गिरफ्तारी . प्रिंस ही हत्या के बाद उसके परिजनों ने जमकर बववाल किया था. आराेपी सूरज के घर पर हमला बोल मारपीट, आगजनी व तोड़फोड़ की थी. इस हमले में सूरज के पिता नागेंद्र साह, मां ललिता देवी, भाई सन्नी व घर के कई बच्चे घायल हो गये थे. आगजनी में उसके घर का सारा सामान जल गया था. इस संबंध में ललिता देवी ने नगर थाने में प्राथमिकी संख्या- 612/15 दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में प्रिंस के भाई वसीम सहित 21 लोगों को नामजद किया गया था. नगर डीएसपी आशीष आनंद ने इस मामले में भी पर्यवेक्षण कर प्राथमिकी अभियुक्त शमशाद उर्फ औआ, आशिक, वशीम, रोहित उर्फ कादिर, अरशद, शादाब, मो़ आबिद, बबली, सदाब और रसीद की संलिप्तता को सत्य पाते हुए उनके गिरफ्तारी का आदेश अनुसंधानक को दिया था.
गिरफ्तारी नहीं होने प्रिंस के परिजनों में था आक्रोश . प्रिंस हत्याकांड के अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी घटना के आठ माह बाद भी नहीं हो सकी है. नगर डीएसपी आशीष आनंद ने इस मामले का पर्यवेक्षण 17 सितंबर 2015 को किया था. उन्होंने इस घटना में सूरज, सन्नी, दीनानाथ महतो, कुंदन, दीपक व चंदन यादव की संलिप्तता को सत्य बताते हुए फरार अभियुक्तों के गिरफ्तारी का आदेश दिया था, लेकिन इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हाेने से प्रिंस के परिजन आक्रोशित थे. वे बार-बार सूरज के हत्या की धमकी भी दे रहे थे.
Prabhat Khabar Digital Desk
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