मेरा सपना है कि शहर अपराधमुक्त और स्वच्छ बने. यहां के लोग जोशीले हैं और देश-विदेश में मैत्रीपूर्ण व्यवहार के लिए जाने जाते हैं. त्रिभुक्ति से तिरहुत और तिरहुत से मुजफ्फरपुर बनने के बाद यहां कई तरह के कार्य यहां हुए, किंतु वह पर्याप्त नहीं हैं. मेरा शहर अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.
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शहर का हो सौंदर्यीकरण, अपराध से मिले मुक्ति
मेरा सपना है कि शहर अपराधमुक्त और स्वच्छ बने. यहां के लोग जोशीले हैं और देश-विदेश में मैत्रीपूर्ण व्यवहार के लिए जाने जाते हैं. त्रिभुक्ति से तिरहुत और तिरहुत से मुजफ्फरपुर बनने के बाद यहां कई तरह के कार्य यहां हुए, किंतु वह पर्याप्त नहीं हैं. मेरा शहर अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. […]
मेरी इच्छा है कि शहर में मनोरंजन के लिए पार्क, शिक्षण के लिए सरकारी और निजी स्तर पर अच्छे स्कूल और कोचिंग की व्यवस्था के साथ संगीत और साहित्य के लिए अच्छा माहौल बने.
शहर गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत से जूझता है. शहर में जल संरक्षण हेतु पोखरों की सफाई करा कर उसे फिर से जीवंत बनाना चाहिए. बूढ़ी गंडक के दोनों किनारों पर करीब आठ से दस किमी तक तक दादर से लेकर रहुआ ग्राम तक सौंदर्यीकरण और पथगामी सड़क का निर्माण होना चाहिए.
पर्यावरण संरक्षण के लिए सड़क किनारे पौधे लगने चाहिए. फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों को एक निश्चित जगह पर दुकान देने की व्यवस्था हो तो उनका रोजगार भी बचा रहेगा और फुटपाथ भी पैदल चलने वालों के लिए खाली हो जाएगा. शहर के विभिन्न जगहों पर मांस-मछली की दुकानों को भी एक जगह पर लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए.
शहर में जहां तक संभव हो सीसीटीवी कैमरा लगे, इससे नागरिकों की सुरक्षा हो सकेगी. ये ख्याल हमेशा मेरे मन में आता है कि मेरे शहर में ये सुविधाएं कब से शुरू होगी. शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण और जाम से मुक्ति पहले जरूरी है. इसके बाद धीरे-धीरे अन्य सुविधाओं को भी पूरा किया जाए. नये वर्ष में शहर का विकास हो, मेरे सपनों की तरह शहर दिखे, ऐसी उम्मीद है.
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