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चंद्रयान बनाने वाली टीम का हिस्सा है बिहार के पूर्वी चंपारण का अभिषेक
यूआर सेटेलाइट सेंटर में है पोस्टेड, जनवरी 2017 से चल रहा था काम मुजफ्फरपुर : चंद्रयान-2 की लैंडिंग बिहार के पूर्वी चंपारण के लिए भी खास है. मोतिहारी के मधुरापुर पिपरा के रहने वाले अभिषेक कुमार 25 इंजीनियरों की उस टीम का हिस्सा हैं, जो चंद्रयान तैयार करने में जनवरी 2017 से काम कर रही […]
यूआर सेटेलाइट सेंटर में है पोस्टेड, जनवरी 2017 से चल रहा था काम
मुजफ्फरपुर : चंद्रयान-2 की लैंडिंग बिहार के पूर्वी चंपारण के लिए भी खास है. मोतिहारी के मधुरापुर पिपरा के रहने वाले अभिषेक कुमार 25 इंजीनियरों की उस टीम का हिस्सा हैं, जो चंद्रयान तैयार करने में जनवरी 2017 से काम कर रही थी. शुक्रवार को सुबह से ही वह अन्य सहयोगियों के साथ दफ्तर में ही थे.
कहा, अभी पूरी टीम लास्ट मोमेंट टेंशन में है. लेकिन, काॅन्फिडेंस है कि सबकुछ ठीक होगा. वहां के वातावरण से सभी अनजान है. हालांकि पूरी टीम ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है. कहा कि रात डेढ़ से दो बजे के बीच लैंडर के लैंड करने का अनुमानित समय है. इसके करीब चार घंटे बाद रोवर बाहर निकलेगा, तभी वहां की तस्वीरें आ सकेंगी. रिटायर्ड शिक्षक प्रेमनारायण प्रसाद व मीना देवी के पुत्र अभिषेक ने मैट्रिक तक की पढ़ाई गांव के ही स्कूल से की थी.
इंटरमीडिएट के बाद भुवनेश्वर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी से बीटेक किया और किसी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी. इसके बाद वर्ष 2016 कंपेटीशन से अभिषेक का चयन यूआर सेटेलाइट सेंटर भुवनेश्वर में हुआ. जनवरी 2017 में चंद्रयान का काम शुरू हुआ, तो उसी समय से टीम का हिस्सा हैं.
वैज्ञानिकों की टीम में बड़हिया का सोनू भी
बड़हिया (लखीसराय) : चंद्रयान-दो के वैज्ञानिकों की टीम में बड़हिया का सोनू भी शामिल है. बड़हिया में बैठे सोनू के पिता ललन सिंह व भी टीवी पर चंद्रयान दो की लैंडिंग देखने के लिए टकटकी लगाये थे. मिशन चंद्रयान में शामिल सोनू का बचपन गरीबी में बीता. रहने को फूस से बनी झोंपड़ी थी, लेकिन पढ़ने की उसमें ललक थी. उसकी प्रारंभिक शिक्षा बड़हिया में ही हुई.
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