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चंदवारा फीडर 10 घंटे ठप पावर स्टेशन में तोड़फोड़
मुजफ्फरपुर : तापमान बढ़ते ही शहर में बिजली की समस्या गहरा गयी है. सोमवार की रात चंदवारा पावर सब स्टेशन से जुड़े उपभोक्ताओं का धैर्य जवाब दे गया. दोपहर दो बजे से बिजली का इंतजार कर रहे लोगों ने रात नौ बजे चंदवारा पीएसएस में घुस कर जम कर हंगामा किया. रोड़ेबाजी और तोड़फोड़ की. […]
मुजफ्फरपुर : तापमान बढ़ते ही शहर में बिजली की समस्या गहरा गयी है. सोमवार की रात चंदवारा पावर सब स्टेशन से जुड़े उपभोक्ताओं का धैर्य जवाब दे गया. दोपहर दो बजे से बिजली का इंतजार कर रहे लोगों ने रात नौ बजे चंदवारा पीएसएस में घुस कर जम कर हंगामा किया. रोड़ेबाजी और तोड़फोड़ की. कंप्यूटर सहित कई सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया.
सूचना मिलते ही नगर थानेदार मो सुजाउद्दीन पुलिस के साथ पहुंचे और लोगों को समझा कर शांत कराया. रात करीब 12 बजे बिजली व्यवस्था दुरुस्त हो गयी. बताया जाता है कि चंदवारा पावर स्टेशन से दोपहर दो बजे बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. जिससे मारवाड़ी हाईस्कूल के आसपास के मोहल्ले सहित बनारस बैंक चौक, जेल चौक, जिला स्कूल, पानी टंकी, बीएमपी छह, फैज कॉलोनी, बावनविघा, केंद्रीय कारा, चकबासु मोहल्ले के लोग भीषण गर्मी में परेशान हो गये. शाम पांच बजे बिजली आपूर्ति शुरू हुई तो अधिक लोड के कारण ट्रिपिंग शुरू हो गयी. इससे आक्रोशित होकर सैकड़ों की संख्या में लोग पावर स्टेशन पहुंचकर तोड़फोड़ करने लगे. करीब दो घंटे तक वहां अफरा- तफरी मची रही.
25 हजार की आबादी पानी के लिए परेशान
फीडर के ब्रेक डाउन होने से करीब 25 हजार से अधिक की आबादी पानी को तरसती रही. चंदवारा, फैज कॉलोनी, पक्की सराय सहित अन्य मोहल्ले में देर शाम इफ्तार के समय भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इधर, एमआइटी फीडर में भी बिजली की समस्या बनी हुई थी. शाम में बिजली की आवाजाही से लोग परेशान रहे. बार- बार बिजली आने- जाने के कारण मोटर चलाना भी मुश्किल हो गया.
मनियारी में बिजली के लिए आठ घंटे सड़क जाम
कुढ़नी थाना क्षेत्र झिकट्टी स्थित कदाने नदी पुल पर बछुमन, झिकट्टी, किनारू, फुलवरिया व केरमाडीह गांव के सैकड़ों उपभोक्ताओं ने एक सप्ताह से बिजली बाधित होने से क्षुब्ध होकर पदमौल-केरमा-कच्ची पक्की सड़क को सुबह आठ बजे जाम कर दिया. जाम करीब आठ घंटे तक रहा. विस्तृत खबर पेज 09 पर
लचर ट्रांसमिशन सिस्टम की वजह से हवा चलने व बूंदा बांदी होते ही बिजली सप्लाई ध्वस्त हो जाती है. पिछले तीन दिनों से शहर व ग्रामीण इलाके में कमोबेश यही स्थिति है. लोग भीषण गर्मी में पानी के लिए तरस रहे हैं. निजी कंपनी एस्सेल हो या एनडीपीसीएल के अधीन आने वाले इलाके में अब तक ट्रांसमिशन लाइन को पूरी तरह दुरुस्त नहीं किया गया है, जबकि इसके लिए पिछले पांच साल से काम चल रहा है. मेटेनेंस के नाम पर पूरे दिन बिजली बंद रहती है.
कमजोर तार से गुल हो रही बिजली. हवा व बूंदा – बांदी में बिजली गुल होने का वजह पोल के बीच मानक से अधिक दूरी का होना है. दूरी अधिक होने से तार ढीला हो जाता है. हवा चलने पर आपस में टकराने लगता है. इस कारण बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है. रात में बिजली गुल होने पर सुबह में ठीक हो पाता है. एलटी लाइन को ठीक करने के एस्सेल ने कवर वायर लगाना शुरू किया. लेकिन यह कुछ मुहल्ला में ही सिमट कर रह गया. यही नहीं, एलटी लाइन में सेपरेटर तक नहीं लगा हुआ है.
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