हर-घर, नल जल. विभाग की उदासीनता से अबतक धरातल पर नहीं उतर सकी है योजना
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40 हजार घरों में नहीं है पानी का कनेक्शन
हर-घर, नल जल. विभाग की उदासीनता से अबतक धरातल पर नहीं उतर सकी है योजना मुजफ्फरपुर : सीएम के सात निश्चय में शामिल हर-घर, नल-जल योजना के तहत शहरवासी को मुफ्त में शुद्ध पेयजल पहुंचाना है. सर्वे के मुताबिक लगभग 40 हजार ऐसे परिवार हैं, जिनके यहां पानी का कनेक्शन देना है. सरकार व प्रशासन […]
मुजफ्फरपुर : सीएम के सात निश्चय में शामिल हर-घर, नल-जल योजना के तहत शहरवासी को मुफ्त में शुद्ध पेयजल पहुंचाना है. सर्वे के मुताबिक लगभग 40 हजार ऐसे परिवार हैं, जिनके यहां पानी का कनेक्शन देना है. सरकार व प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण है. सरकार ने नगर निगम को नौ माह पहले ही 19 करोड़ रुपये आवंटित कर दिये, लेकिन विभाग की उदासीनता से योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है.
वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज चार महीने बचे हैं. लेकिन निगम प्रशासन ने जलापूर्ति की योजना के लिए कोई डीपीआर नहीं बनायी, तो यह पैसा सरकार वापस ले सकती है. हालांकि, निगम के खाते में जलापूर्ति के 19 करोड़ पड़े होने की भनक मेयर व डिप्टी मेयर को मिलने के बाद आनन-फानन में योजना तैयार करने की कवायद शुरू हो गयी है.
नौ माह से निगम के खाते में पड़े हैं 15 करोड़, अबतक नहीं बनी है कोई ठोस योजना
मिनी पंप लगाने व जलापूर्ति की पाइपलाइन बिछाने पर खर्च होनी है राशि
मार्च तक राशि खर्च नहीं होने पर सरकार वापस ले सकती है राशि
पांचवीं वित्त व मुख्यमंत्री शहरी पेयजल की है राशि
निगम के अकाउंट में पड़ी राशि में चार करोड़ रुपये पांचवीं वित्त योजना की है. बाकी 15 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना की है. इन पैसाें को नगर निगम मिनी पंप लगाने एवं पाइपलाइन बिछा शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने पर ही खर्च कर सकता है.
मुझे निगम के खाता में जलापूर्ति का 19 करोड़ रुपये पड़े रहने की जानकारी मिली है. अकाउंट शाखा को इसका डिटेल देने का निर्देश दिया हैं. जल्द ही योजना बना सभी वार्डों में जलापूर्ति का काम होगा.
सुरेश कुमार, मेयर
अब तक मात्र तीन हजार कनेक्शन
सीएम सात निश्चय योजना के तहत शहरी क्षेत्र के 65-70 हजार लोगों के घर में पानी का कनेक्शन होना है. यह आंकड़ा सर्वे के बाद सामने आया है. इसमें से नये व पुराने मिला कर अब तक लगभग 25 हजार घरों में कनेक्शन हो चुका है. इसमें करीब तीन हजार परिवाराें को मुफ्त कनेक्शन मिला है. बाकी 22 हजार ऐसे परिवार हैं, जो नगर निगम में शुल्क जमा कर पानी का कनेक्शन लिये हुए हैं. इसमें घरेलू के साथ कॉमर्शियल कनेक्शन भी है.
छह सदस्यों ने बुलायी निगम की स्थायी समिति की बैठक
विकास के मुद्दे पर मेयर व डिप्टी मेयर के हाथ मिलाने के बाद निगम की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है. मेयर की कैबिनेट कही जानेवाली सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने मेयर व डिप्टी मेयर का विरोध शुरू कर दिया है. इसमें मेयर के चचेरे भाई व वार्ड नंबर तीन के पार्षद राकेश कुमार शामिल हैं. समिति के छह सदस्यों ने लंबे समय से बैठक नहीं होने का हवाला देते हुए 23 नवंबर को सशक्त स्थायी समिति की बैठक की तिथि तय की है. नगर आयुक्त को इसकी अधिसूचना जारी करने को कहा है. इधर, मेयर ने कहा है कि मुझे नजरअंदाज कर बैठक कैसे बुलायी जा सकती है. हम पहले ही नगर आयुक्त को बैठक बुलाने का निर्देश दे चुके हैं. स्थायी समिति में मेयर व डिप्टी मेयर समेत नौ सदस्य हैं. एक सदस्य राकेश कुमार सिन्हा पप्पू इन दिनों नवरूणा मामले में जेल में हैं. सदस्यों ने सरकार के प्रधान सचिव के साथ मेयर को भी इसकी सूचना दी है. हालांकि, नगरपालिका एक्ट के जानकार बताते हैं कि सदस्यों को सशक्त स्थायी समिति की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है. मेयर की अनुपस्थिति में डिप्टी मेयर समिति की बैठक बुला सकते हैं. मेयर को नजरअंदाज कर बैठक की तिथि तय करना नियम के विरुद्ध होगा.
अभी जलापूर्ति की यह है व्यवस्था
नगर निगम के पास जलापूर्ति के लिए फिलहाल 27 पंप है. इसमें 30 से 50 एचपी तक के पंप लगे हैं. इसके लिए सालों पुरानी पाइपलाइन बिछी है. इसी के माध्यम से पानी की आपूर्ति लोगों के घर तक में होती है. अधिकतर पंप पाइपलाइन से सीधे कनेक्ट किये गये हैं. मात्र छह पंप ही है, जिसका पानी जल मीनार (वाटर टंकी) में जाता है. इसमें कंपनीबाग, जिला स्कूल, इमलीचट्टी बस स्टैंड, पीडब्ल्यूडी माड़ीपुर व सिकंदरपुर स्टेडियम में बना जलमीनार काम कर रहा है.
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