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बीआरएबीयू: विवि प्रशासन की उदासीनता, दस हजार छात्रों का भविष्य अंधकार में
मुजफ्फरपुर: इसे विवि की लापरवाही कहें, या जिम्मेदारों की उदासीनता. दो सालों से 10 हजार छात्र रिजल्ट के इंतजार में हैं. लेकिन उन्हें न तो इस बात की जानकारी दी जा रही है कि रिजल्ट कब निकलेगा और न ही यह बताया जा रहा है कि आखिर रिजल्ट को लेकर पेच कहां फंसा है. विवि […]
मुजफ्फरपुर: इसे विवि की लापरवाही कहें, या जिम्मेदारों की उदासीनता. दो सालों से 10 हजार छात्र रिजल्ट के इंतजार में हैं. लेकिन उन्हें न तो इस बात की जानकारी दी जा रही है कि रिजल्ट कब निकलेगा और न ही यह बताया जा रहा है कि आखिर रिजल्ट को लेकर पेच कहां फंसा है. विवि अधिकारियों की मानें, तो रेगुलेशन के पेच में 10 हजार छात्रों का भविष्य दावं पर लगा है. विवि इस पर कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है. इसी वजह से विवि ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. मामला पीजी फोर्थ सेमेस्टर के सत्र 2013-15 से जुड़ा है.
जांच के लिए दूसरे विवि गयी थीं काॅपियां : पीजी फोर्थ सेमेस्टर सत्र 2013-15 के छात्रों की कॉपियां जांच के लिए प्रदेश के दूसरे विवि में गयी थीं. कॉपियों की जांच तो हो गयी, लेकिन मॉर्क्स को लेकर मामला फंस गया. बताया जा रहा है कि विवि की ओर से संबंधित विवि को रेगुलेशन की सही जानकारी नहीं दी गयी. इस वजह से कॉपी जांच में गड़बड़ी हुई. ऐसे में मार्क्स फाइल फंस गया. प्रभारी कंट्रोलर यूके दास ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. मामले को दिखवाया जायेगा.
विवि नहीं ले रहा कोई निर्णय :
दो सालों से विवि इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है. विवि को 2013-15 के रेगुलेशन के अनुसार ही रिजल्ट का प्रकाशन करना होगा. इसके लिए राजभवन की अनुमति भी लेनी होगी. विवि पहले भी रेगुलेशन के पेच में हजाराें छात्रों का भविष्य दावं पर लगा चुका है. इसको लेकर छात्रों ने पिछले दिनों विवि में हंगामा किया था.
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