हाइकोर्ट ने पूछा है कि आखिर बिना किसी योग्यता व अधिकार के जीविका दीदियां स्कूलों का निरीक्षण क्यों करती हैं? हाइकोर्ट ने यह सुनवाई दायर याचिका (सीडब्ल्यूजेसी नंबर- 17998/16) पर की है. परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने याचिका दायर कर इंसाफ की गुहार लगायी थी. हाइकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से जवाब मांगा है. शिक्षा विभाग व ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव के संयुक्त आदेश पर जीविका की दीदियां स्कूलों का निरीक्षण करती थीं. उनकी निरीक्षण रिपोर्ट पर सूबे के हजारों शिक्षकों का वेतन काट दिया गया था.
एनजीओ से स्कूलों का निरीक्षण कराना असंवैधानिक है. जीविका समूह से जुड़ी अधिकांश दीदियां पढ़ी लिखीं नहीं थी. ऐसे में उनसे निरीक्षण करना शिक्षकों के साथ-साथ समाज का अपमान है. इसके बाद हाइकोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई में सरकार से जवाब-तलब किया है.