उन्होंने जीविका के जिला कार्यक्रम प्रबंधक को निर्देश दिया कि वे अगले सप्ताह तक कम-से-कम दस हजार लीटर नीरा उत्पादन सुनिश्चित करेंगे. बैठक में एक बार फिर ताड़ व खजूर से रस उतारकर खुले बाजार में बेच दिये जाने का मामला उठा. डीएम ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए उत्पाद निरीक्षक को ऐसे टैपर्स को चिह्नित कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया. कहा कि टैपर्स को रस उतारने के बाद उसे उत्पादन समूह को उपलब्ध कराना है, न कि खुले बाजार में बेचना. यह अपराध माना जायेगा.
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हफ्ते में 10 हजार लीटर नीरा का करें उत्पादन
मुजफ्फरपुर: नीरा उत्पादन के लिए जिले में 124 उत्पादक समूहों का गठन हो चुका है. इसमें से 68 ने काम करना शुरू कर दिया है. 48 उत्पादक समूहों को ठेला सहित अन्य सामग्री उपलब्ध भी करायी जा चुकी है. बावजूद उम्मीदों के अनुरूप नीरा का उत्पादन यहां नहीं हो पा रहा है. सोमवार को नीरा […]
मुजफ्फरपुर: नीरा उत्पादन के लिए जिले में 124 उत्पादक समूहों का गठन हो चुका है. इसमें से 68 ने काम करना शुरू कर दिया है. 48 उत्पादक समूहों को ठेला सहित अन्य सामग्री उपलब्ध भी करायी जा चुकी है. बावजूद उम्मीदों के अनुरूप नीरा का उत्पादन यहां नहीं हो पा रहा है. सोमवार को नीरा उत्पादन की समीक्षा के क्रम में डीएम धर्मेंद्र सिंह ने नाराजगी जतायी.
‘शराबी या शराब कारोबारियों को बेल न मिले, सुनिश्चित करें’: डीएम धर्मेंद्र सिंह ने सोमवार की शाम जिले में मद्य निषेध अभियान की समीक्षा की. इस क्रम में पाया गया कि कुछ मामलों में शराब कारोबारियों, शराबियों व शराब ढुलाई के मामलों में अभियुक्तों को बेल मिल जाता है. डीएम ने इस पर नाराजगी जतायी. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पांच लीटर से अधिक शराब पकड़े जाने पर ही अभियुक्तों को बेल नहीं मिलता है.
इससे कम मात्रा में शराब बरामद होने पर अदालत उन्हें बेल दे रही है. डीएम इसका कारण पता लगाने को कहा कि किस आधार पर उन्हें बेल दिया जा रहा है. बैठक में शराब कारोबारियों के धर-पकड़ के लिए भी रणनीति बनी. अभियान में एसटीएफ व एसएसबी की भी मदद ली जायेगी.
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