मुंगेर मुंगेर यूनिवर्सिटी (रिटायर्ड) टीचर्स ऐसोसिएशन ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर सेवानिवृत शिक्षकों को अबतक सेवांत लाभ नहीं देने पर नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही सेवांत लाभ देने, अन्यथा इसे लेकर कुलाधिपति से मिलकर गुहार लगाने की बात कही गयी है. संघ के महासचिव डा. प्रकाश कुमार ने कहा कि 2023, 2024 व अप्रैल 2025 तक जो शिक्षक, एमयू के विभिन्न कालेजों से सेवानिवृत हुए हैं. उन्हें सेवांत लाभ का भुगतान जैसे अर्जित अवकाश, ग्रेच्युटी आदि की राशि का अबतक भुगतान नहीं किया गया है. अबतक विश्वविद्यालय की यह परंपरा थी कि सेवानिवृत होने वाले शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों की सेवा से संबंधित संचिका कॉलेज के प्राचार्य से सत्यापित होकर सेवा पुस्तिका में संपूर्ण लेखा अंकित कर विश्वविद्यालय कार्यालय में समर्पित कर दिया जाता था. इसके बाद विश्वविद्यालय उसकी जांच कर विभिन्न प्रकार के राशि की भुगतान के लिए संचिका अधिकारी को भेजी जाती थी, लेकिन संभवत वर्तमान कुलपति अपने अधीनस्त प्राचार्य पर विश्वास नहीं करते. यही कारण है कि उन्होंने यह नियम बनाया कि अर्जित अवकाश के लिए दोबारा अवकाश पंजी को सत्यापित कर या किसी कॉलेज से अवकाश पंजी की मूल प्रति विश्वविद्यालय कार्यालय में जमा करना है. इसके बाद दोबारा स्थापना विभाग छुट्टी की गणना कर संचिका बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि इस नई प्रथा की शुरुआत करने के पीछे का उद्देश्य क्या है, अर्जित अवकाश के तहत अधिकतम 300 दिनों का अंतिम वेतन के बराबर मानधन का भुगतान होता है. इस परंपरा से अर्जित अवकाश की राशि का तत्काल भुगतान बाधित हो गया है. मुंगेर यूनिवर्सिटी (रिटायर्ड) टीचर्स ऐसोसिएशन कुलपति के इस आदेश की निंदा करता है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब संघ के सदस्य कुलपति से मिलने का प्रयास किया तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया तथा कुलसचिव से बात करने को कहा, यदि एक सप्ताह के अंदर अर्जित अवकाश, ग्रेच्युटी आदि का भुगतान नहीं किया जाता है तो बिहार राज्य रिटायर्ड शिक्षक महासंघ का प्रतिनिधि मंडल कुलाधिपति सह राज्यपाल से मिलकर अपनी बातों को रखेगा.
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