संग्रामपुर.
प्रखंड मुख्यालय स्थित स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना के तहत लाखों रुपये की लागत से बना मार्केटिंग शेड इन दिनों अतिक्रमणकारियों के चंगुल में फंसा है. इस मार्केट शेड का उद्देश्य तो स्थानीय लोगों, खासकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार के लिये प्लेटफार्म देना था, लेकिन विभागीय उदासीनता और पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण यह योजना अपनी ही गति खो चुका है. बताया गया कि वर्ष 2009-10 में 13.47 लाख रुपये की लागत से इस मार्केटिंग शेड का निर्माण कराया गया था, परंतु आज तक इन दुकानों का शटर तक नहीं खुला. जिसके कारण धीरे-धीरे लोगों ने इन दुकानों के आगे अवैध निर्माण कर कब्जा जमा लिया है. अब स्थिति यह है कि योजना के तहत बनी दुकानें दिखती तक नहीं है और इन दुकानों के आगे अतिक्रमण के कारण अब इनका अस्तित्व ही खो गया है. हाल यह है कि योजना के तहत बने दुकानों के शटर पर जंग लग चुका है. दीवारों का प्लास्टर गिर रहा है और पूरा भवन जर्जर होता जा रहा है. जबकि प्रशासनिक चुप्पी के कारण अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. यही नहीं, दुकानों के आगे अस्थायी दुकानें लगने से मुख्य सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. जिससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में अंचल अधिकारी निशीथ नंदन ने कहा कि दुकानों के आगे अवैध कब्जा करने वालों को नोटिस भेजा जाएगा. साथ ही जल्द योजना के तहत इन दुकानों को अतिक्रमणमुक्त किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है