बांका. जिला मध्यस्थता समन्वय समिति के अध्यक्ष सह प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय धर्मेंद्र झा के नेतृत्व में बुधवार को एक अहम पहल के तहत पति-पत्नी के बीच चल रहे विवाद का सुलह-समझौते के माध्यम से निपटारा किया गया. यह मामला एसडीजेएम बांका के न्यायालय में लंबित था, जिसे दोनों पक्षों की सहमति और मध्यस्थों की सक्रिय भूमिका से सुलझा लिया गया. धर्मेंद्र झा ने बताया कि आपसी बातचीत और समझ से विवाद सुलझाना न केवल समय और धन की बचत करता है, बल्कि रिश्तों में आई दरार को भी पाटता है. उन्होंने कहा कि मध्यस्थता अभियान न्यायिक प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. गौरतलब है कि अब तक बांका के मध्यस्थता केंद्र में कुल 35 मामलों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया जा चुका है. इनमें ज्यादातर मामले पारिवारिक विवाद, वैवाहिक कलह, आपसी लेन-देन और छोटी-मोटी आपराधिक शिकायतों से जुड़े रहे हैं. मध्यस्थता अभियान 30 सितंबर तक जारी रहेगा. इस दौरान न्यायालय में लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर मध्यस्थता केंद्र में भेजा जा रहा है, जहां प्रशिक्षित मध्यस्थ दोनों पक्षों को बातचीत के लिए प्रोत्साहित कर सुलह का मार्ग निकाल रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि जो भी पक्ष अपने मामले का निस्तारण आपसी सहमति और मध्यस्थता से करना चाहते हैं, वे इस अभियान का लाभ उठा सकते हैं. इस प्रक्रिया में अदालत का फैसला थोपने के बजाय, दोनों पक्षों की स्वेच्छा और आपसी समझ को महत्व दिया जाता है. न्यायिक अधिकारियों का मानना है कि मध्यस्थता न केवल अदालत का बोझ कम करती है, बल्कि समाज में सौहार्द और पारस्परिक विश्वास को भी मजबूत बनाती है. बांका जिले में इस पहल से आम लोगों को राहत मिल रही है और कई परिवार फिर से एकजुट हो पा रहे हैं.
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