नगर निगम प्रशासन के हीट वेव को ले एक्शन प्लान की निकली हवा
तीन बार वाटर स्प्रिंकलर मशीन से होना था शहर में पानी का छिड़काव, सप्ताह भर में एक बार भी नहीं हुआ
मुंगेर. मुंगेर का पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और गर्मी कहर बरपा रही है, लेकिन निगम प्रशासन की ओर से राहगीरों को झुलसा रही गर्मी से राहत दिलाने के लिए जो हीट वेव एक्शन प्लान लागू किया गया, उसकी हवा निकल गयी है. न पंडाल में राहगीरों के लिए कोई समुचित व्यवस्था है और न ही वाटर स्प्रिंकलर मशीन से शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. हालात यह है कि हीट वेव में मुंगेर शहर झुलस रहा है और एसी की ठंडक में निगम प्रशासन के जवाबदेह आराम फरमा रहे हैं.
पंडाल से व्यवस्था नदारद, सब्जी वालों का बना नया ठिकाना
हीट वेव से राहगीरों को बचाने के लिए निगम प्रशासन ने हीट वेव एक्शन प्लान के तहत शहर के तीन स्थानों भगत सिंह चौक, एक नंबर ट्रैफिक और कौड़ा मैदान में पंडाल का निर्माण कराया. जहां पर कुर्सी, टेबुल, घड़े का पानी, पंखा लगाने की बात कही गयी थी. हर पंडाल में निगम के कर्मचारी को तैनात करने की बात हुई थी. प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा देने की बात कहीं गयी थी. पंडाल में हीट वेव से बचाव और लू की चपेट में आने से क्या करें, क्या नहीं करें इसकी भी जानकारी देने की बात हुई थी. राहगीरों की शिकायत पर प्रभात खबर की टीम ने तीनों पंडाल का भ्रमण किया, जहां पर व्यवस्था नदारद मिली. शहर के भगत सिंह चौक पर पंडाल तो मिला, लेकिन वहां न तो बैठने की कोई व्यवस्था थी और न पानी की व्यवस्था थी. वहां पर ठेला लगाकर एक सब्जी विक्रेता सब्जी बेचता नजर आया. जबकि एक नंबर ट्रैफिक स्थित सरकारी बस पड़ाव पर पंडाल के नीचे चार कुर्सियां एवं दो टेबल लगा हुआ था. जहां पर एक व्यक्ति प्राथमिकी उपचार किट लेकर बैठा हुआ था. लेकिन पानी, पंखा सभी व्यवस्था नदारद थी. वहां पर एक लिट्टी-चौखा वाला अपने ग्राहक के लिए टेबुल लगा रखा था. कौड़ा मैदान चौक पर भी पंडाल बना हुआ मिला, लेकिन वहां से भी सभी प्रकार की व्यवस्था नदारद थी.
वाटर स्प्रिंकलर मशीन से नहीं हो रहा पानी का छिड़काव
निगम प्रशासन ने दिन में तीन टाइम वाटर स्प्रिंकलर मशीन से बाजार क्षेत्र में घूम-घूम कर पानी का छिड़काव करने की योजना बनायी थी, जिसकी शुरूआत भी हुई थी, ताकि वातावरण में नमी को बरकरार रखा जा सके, लेकिन मुंगेर बाजार में पानी का छिड़काव पूरी तरह से बंद है. जहां दिन में तीन बार वाटर स्प्रिंकलर मशीन से पानी का छिड़काव होना था, वहां सप्ताह में एक बार भी पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है.
पंडाल का बन रहा बिल, झुलस रहे लोग
पंडाल में उपलब्ध होने वाले कुर्सी, टेबुल व अन्य व्यवस्था भले ही नदारद है. लेकिन पंडाल सहित अन्य व्यवस्था का बिल जरूर बन रहा है. जबकि शहर आने वाले राहगीर इस भीषण सूर्य की ताप से झुलस रहे हैं. और निगम प्रशासन के हुक्मरान कार्यालय में एसी की ठंडक में आराम फरमा रहे हैं.
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