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विश्वविद्यालय की जमीन व पीजी के पद सृजन की समस्या जल्द होगी दूर : कुलपति

मुंगेर विश्वविद्यालय के 20 पीजी विभागों के पद सृजन तथा विश्वविद्यालय के लिए जमीन मामले में सरकार के पास प्रस्ताव आगे बढ़ा है.

एमयू ने मनाया अपना 7वां स्थापना दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का किया गया आयोजन

मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय के 20 पीजी विभागों के पद सृजन तथा विश्वविद्यालय के लिए जमीन मामले में सरकार के पास प्रस्ताव आगे बढ़ा है. जल्द ही विश्वविद्यालय की दोनों समस्याएं दूर होगी. इसके अतिरिक्त सभी कॉलेजों में प्रयोगशाला तथा लाइब्रेरी को सुदृढ़ किया जायेगा. जिसके लिए कॉलेजों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है. साथ ही इसकी समीक्षा भी विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही है. उक्त बातें मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार ने मंगलवार को आरडी एंड डीजे कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित विश्वविद्यालय के 7वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान कही.

उन्होंन कहा कि दीक्षांत समारोह 22 मार्च को होना है. ऐसे में स्थापना दिवस संक्षिप्त रूप से किया जा रहा है. लेकिन स्थापना दिवस मनाने में हमारे और हमारे विद्यार्थियों का जो उमंग दिख रहा है, वह सबसे बड़ी बात है. किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान विद्यार्थियों की सक्रियता से होती है. जिस विश्वविद्यालय में विद्यार्थी सक्रिय हैं, वह विश्वविद्यालय जीवंत है. मुंगेर विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं की सक्रियता अधिक होती है. जिसमें छात्राओं की सक्रियता जितनी होती है, वह किसी भी विश्वविद्यालय के लिए रोमांचित करने वाला है, क्योंकि हमारे विद्यार्थी ही बदलते भारत की तस्वीर हैं, जो भविष्य के समाज और राष्ट्र निर्माता हैं.

विश्वविद्यालय को नयी दिशा प्रदान करें

कुलपति ने कहा कि उन्हें योगदान दिये दो माह हुआ है, लेकिन इन दो माह में उन्होंने मुंगेर विश्वविद्यालय का आंकलन उसके साथ बने पूर्णिया और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से किया तो पाया कि जितनी प्रगति अन्य विश्वविद्यालय ने की है, उसकी तुलना में मुंगेर विश्वविद्यालय काफी पीछे है. वहीं यहां के अधिकारी और शिक्षकों में भी कार्य क्षमता को लेकर सजगता की कमी है. ऐसे में जरूरी है कि हम मिलकर एक टीम के रूप में कार्य करें और विश्वविद्यालय को एक नयी दिशा प्रदान करें, ताकि मुंगेर विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सके. हालांकि विश्वविद्यालय के खेल और एनएसएस में विद्यार्थियों की सजगता और सक्रियता काफी अधिक है. कॉलेजों में विद्यार्थियों की उपस्थिति भी संतोषप्रद है. ऐसे में जरूरी है कि हम अपने विद्यार्थियों को एक सुगम माहौल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करायें.

उद्घाटन सत्र में कई वक्ताओं ने रखे अपने विचार

एमयू के स्थापना दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. संजय कुमार, कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर तथा डीएसडब्ल्यू प्रो. भवेशचंद्र पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. कार्यक्रम का संचालन डीजे कॉलेज के डॉ कृपाशंकर पांडेय ने किया. इस दौरान कुलसचिव ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति के मार्गदर्शन में कार्य कर लगातार सभी समस्याओं को दूर कर रहा है. जिसमें पेंशन, परीक्षा फल प्रकाशन सहित अन्य कार्यों को तीव्र गति से किया जा रहा है. हालांकि कुछ परेशानियों के कारण समस्याएं है, जिसे दूर किया जा रहा है. डीएसडब्ल्यू ने कहा कि विश्वविद्यालय लगातार अपने सभी सत्रों को नियमित कर रहा है. साथ ही एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के माध्यम से विद्यार्थियों को अब ऑनलाइन दस्तावेज भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां

स्थापना दिवस के दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका संचालन बीआरएम कॉलेज के शिक्षक डॉ रामरेखा ने किया. जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम का संयोजन कला एवं सांस्कृतिक परिषद अधिकारी डॉ मृत्युंजय कुमार मिश्रा ने किया. जिसमें छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया. सर्वप्रथम श्रृष्टि भारती ने भाव सहित सरस्वती वंदना की एकल प्रस्तुति दी. जिसके बाद आरडी एंड डीजे कॉलेज की निशा कुमारी ने एक झिमीया नृत्य की प्रस्तुति देकर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया. वहीं बीआरएम कॉलेज की छात्रा राजनंदनी, लक्ष्मी कुमारी, सानिया वर्धन, अर्चिता कुमारी, गुनगुन कुमारी, सृष्टि भारती तथा पायल कुमारी ने गरवा समृह नृत्य की प्रस्तुति देकर लोगों को बांध दिया. वहीं डीजे कॉलेज की सिमरन कुमारी ने ओ रंगरेज पर एक नृत्य की प्रस्तुति दी. जिसके बाद इकरा खान में जहां दो दिलों की मुलाकात होगी, जुबां चुप रहेगी, मगर बात होगी…गजल की प्रस्तुति दी. इस दौरान तबला पर बृजभूषण मिश्र तथा हारमोनियम पर डॉ मृत्युंजय मिश्रा थे. एसीसी कैटेडों की शादी पर नाटक की प्रस्तुति दी गयी. जिसके बाद सृष्टि कुमारी ने मोहे पनघट पर….पर एकल नृत्य की प्रस्तुति दी. अंत में राजनंदनी, गुनगुन, सानिया, लक्ष्मी, नीलू, अर्चिता, सृष्टि, खुशी, निकिता ने होली पर समूह नृत्य की प्रस्तुति दी.

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