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अपने निजी क्लिनिक से रोगी को प्राइवेट अस्पताल भेजने के मामले में सीएस से स्पष्टीकरण

मरीज को सदर अस्पताल की जगह प्राइवेट अस्पताल रेफर करने के मामले में संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी निखिल धनराज निप्पणीकर ने सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण पूछा है.

प्रभात खबर में खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान

मुंगेर. मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ रामप्रवेश प्रसाद द्वारा अपने निजी क्लिनिक से मरीज को सदर अस्पताल की जगह प्राइवेट अस्पताल रेफर करने के मामले में संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी निखिल धनराज निप्पणीकर ने सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण पूछा है. जिसमें सिविल सर्जन को 24 घंटे के अंदर अपना जवाब समर्पित करने का आदेश दिया गया है. विदित हो कि इस मामले को प्रभात खबर ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी.

जिलाधिकारी के पत्र में कहा गया कि पिछले दिनों प्रभात खबर में सीएस को सरकारी अस्पताल पर भरोसा नहीं शीर्षक से खबर प्रकाशित की गयी थी. जिसमें विस्तृत उल्लेख है कि मॉडल सदर अस्पताल में तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सिविल सर्जन), जिनके अधीन सदर अस्पताल संचालन की पूर्ण जिम्मेदारी है. उनके द्वारा ही सीधे मरीज को निजी नर्सिंग होम रेफर किया जाता है. जो सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल है. साथ ही इस संबंध में चिकित्सीय परामर्श पुर्जा भी संलग्न किया गया है. जिसमें मरीज को मलेरिया, एनिमिया, टाइफाइड बताते हुए निजी क्लीनिक में रेफर किया गया है. ऐसे में सिविल सर्जन अवगत हैं कि सरकार द्वारा जनमानस के स्वास्थ्य हित में बहुतायत संख्या में उपकरण एवं चिकित्सा सेवा से संबंधित सुविधा से लाभान्वित किया गया है, परंतु खबर से स्पष्ट होता है कि सिविल सर्जन अपने पदीय दायित्वों, कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही, शिथिलता एवं अरुचि को परिलिक्षित करता है, जिससे सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं को धूमिल करने का प्रयास दर्शाता है. ऐसे में सिविल सर्जन पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करना सुनिश्चित करेंगे कि क्यों नहीं इस कृत्य के लिए सिविल सर्जन के विरुद्ध विभाग के सुसंगत प्रावधान के तहत प्रपत्र क गठित करते हुए अनुशासनात्मक, दंडात्मक एवं विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाये. उक्त निर्धारित अवधि तक स्पष्टीकरण का जवाब प्राप्त नहीं होता है, तो समझा जायेगा कि इस संबंध में सिविल सर्जन कुछ नहीं कहना चाहते, जिसके बाद मामले में एकपक्षीय कार्रवाई की जायेगी.

प्रभात खबर में खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान

बता दें कि प्रभात खबर ने मामले को प्रमुखता से उठाया था. जिसे लेकर सीएस को नहीं है सरकारी अस्पताल पर भरोसा शीर्षक से खबर प्रकाशित की गयी थी. जिसमें बताया गया था कि सिविल सर्जन डॉ रामप्रवेश प्रसाद शहर के बड़ी बाजार में हार्ट व डाइबेटिज क्लीनिक नाम से क्लीनिक संचालित कर रहे हैं. जिसमें उन्होंने खुद को हृदय, पेट, टीबी, लकवा, ब्रेन, मानसिक रोग एवं शिशु रोग विशेषज्ञ बताया है. सुबह नौ बजे से दो बजे तक एवं शाम में 5.30 बजे से 8.30 बजे तक क्लीनिक में बैठने का समय निर्धारित किया है. उनके क्लीनिक के चिट्ठा में उन्होंने एक मरीज को मलेरिया, एनेमिया, टायफाइड बताते हुए सदर अस्पताल मुंगेर की जगह उसके पीछे अवस्थित नेशनल अस्पताल तोपखाना बाजार रेफर कर दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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