21 जुलाई की रात शराब के नशे और लड़की के विवाद में की गयी थी हत्या
धरहरा. धरहरा दक्षिण पंचायत के सरपंच राकेश रंजन उर्फ कालीचरन के पुत्र इंद्रजीत प्रताप वर्मन उर्फ बुद्धी हत्याकांड का आखिरकार पुलिस ने न सिर्फ उद्भेदन किया. बल्कि हत्या में शामिल धरहरा निवासी बिट्टू महाराज को झारखंड से गिरफ्तार किया. जिसे न्यायिक हिरासत में शुक्रवार को जेल भेज दिया गया. इसकी पुष्टि धरहरा थानाध्यक्ष धीरेंद्र पाठक ने की.पुलिस ने झारखंड से बिट्टू को किया गिरफ्तार
बताया जाता है कि धरहरा थाना पुलिस सरपंच पुत्र हत्याकांड की जांच लगातार कर रही थी. जब जांच में यह पुख्ता हो गया कि नामजद बिट्टू महाराज सहित अन्य ने मिलकर सरपंच पुत्र की हत्या किया है. तो पुलिस ने उसकी खोज शुरू कर दी. काफी प्रयास के बाद धरहरा पुलिस को पता चला कि बिट्टू झारखंड के जसीडीह में जाकर छिपा हुआ है. गुरुवार की रात धरहरा थानाध्यक्ष धीरेंद्र पाठक के नेतृत्व में पुलिस टीम जसीडीह पहुंची और बिट्टू महाराज को गिरफ्तार कर धरहरा थाना लाया. जिसे आज जेल भेज दिया गया.पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरपंच पुत्र 20 वर्षीय इंद्रजीत प्रताप वर्मन उर्फ बुद्धि नशे का आदी था. 21 जुलाई 2024 की रात सभी ने लड़ैयाटांड जाकर शराब का सेवन किया. रात भर शराब का दौड़ चला. इसी दौरान बुद्धि ने वहां मौजूद अपने एक दोस्त की बहन को लेकर कुछ कह दिया. जिसके बाद सभी ने मिलकर उसके साथ मारपीट किया. नशे में धुत रहने के कारण किसी को यह पता नहीं चला कि उसके गले में जो गमछा है उसे उनलोगों ने कस दिया है. कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया. जब बुद्धि की मौत हो गई तो शव को धरहरा बस्ती से सटे पहाड़ पर बगीचा में आम के पेड़ से लटका दिया. ताकि जब शव मिले तो लोगों को लगे कि उसने आत्महत्या कर लिया है.
23 जुलाई 2024 को मिला था बुद्धि का शव, खूब हुआ था आंदोलन
इंद्रजीत प्रताप वर्मन उर्फ बुद्धि हत्याकांड को लेकर धरहरा दक्षिणी पंचायत के सरपंच राकेश कुमार रंजन के आवेदन पर धरहरा थाना में कांड संख्या 180/2024 दर्ज की गयी थी. जिसमें बिट्टू महाराज सहित पांच लोगों को नामजद किया गया था. वह लगातार बेटे की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आंदोलन करता रहा. धरहरा में खुब धरना-प्रदर्शन और अनशन का दौर चला. जिला से लेकर पटना तक मामला पहुंच गया. सरपंच ने नामजदों पर आरोप लगया था कि 21 जुलाई 2024 की रात उसके बेटे को फोन कर बुलाया और उसकी हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया था. 23 जुलाई की सुबह धरहरा बस्ती से सटे पहाड़ पर बगीचा में आम के पेड़ से लटका मिला था. जिसके कारण पुलिस हत्या और आत्महत्या में उलझ गयी थी. साक्ष्य के अभाव में किसी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी. साक्ष्य मिलने पर धरहरा पुलिस ने बिट्टू महाराज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
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