मुंगेर: सदर अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए जहां आइसीयू, एसएनसीयू, पोषण पुनर्वास केंद्र, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओपीडी एवं आपदा चिकित्सा कक्ष का निर्माण किया गया और बड़े ही तामझाम से इसका उद्घाटन भी हुआ. लेकिन ये सभी सेवाएं वर्तमान में मुंगेर के लोगों को उपलब्ध नहीं हो रही. आइसीयू व एसएनसीयू में जहां ताले लगे हैं वहीं आपदा चिकित्सा कक्ष पर पुलिसकर्मियों का कब्जा है. सुविधा के नाम पर हाल यह है कि सदर अस्पताल इलाज के बदले रेफर सेंटर बनता जा रहा है.
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लापरवाही : बंद हैं कई चिकित्सकीय सेवाएं
मुंगेर: सदर अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए जहां आइसीयू, एसएनसीयू, पोषण पुनर्वास केंद्र, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओपीडी एवं आपदा चिकित्सा कक्ष का निर्माण किया गया और बड़े ही तामझाम से इसका उद्घाटन भी हुआ. लेकिन ये सभी सेवाएं वर्तमान में मुंगेर के लोगों को उपलब्ध नहीं हो रही. आइसीयू व एसएनसीयू […]
नवजात शिशु को नहीं मिल रहा लाभ
एसएनसीयू का भी उद्घाटन मुंगेर के जिलाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने ही किया था. जिसमें नवजात शिशु को सेवा मिलनी है. किंतु नवजात शिशु के लिए लगे झूले भी शोभा की वस्तु बनी हुई है. एसएनसीयू में वैसे नवजात शिशु को चिकित्सकीय सेवा दी जानी है, जिसका जन्म समय से पूर्व हो जाता है. या फिर जन्म लेते ही शिशु को कोई गंभीर बीमारी हो.
बंद पड़ा है आइसीयू
28 फरवरी 2015 को सदर अस्पताल के चक्षु विभाग के ठीक सामने आइसीयू का उद्घाटन डीएम अमरेंद्र प्रसाद सिंह व एसपी वरुण कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया था. लेकिन आजतक आइसीयू में एक भी मरीज को भरती नहीं किया गया. संबंधित मरीज को आइसीयू में भरती करने के बजाय भागलपुर या पटना रेफर किया जाता रहा है. जिसके कारण मुंगेर के जरूरतमंद रोगियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. मालूम हो कि आइसीयू में वैसे गंभीर मरीजों को भरती किया जाना है जो कि हृदय रोग से पीड़ित हों या फिर जो कोमा में हो.
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