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नहीं है डेंगू का जांच किट, मरीज परेशान

मुंगेर : जिले में डेंगू की स्थिति लगातार विकराल होते जा रही है. न सिर्फ लोग डेंगू के शिकार हो रहे हैं, बल्कि पिछले एक सप्ताह में डेंगू से दो की मौत भी हो चुकी है. बावजूद सदर अस्पताल में डेंगू बीमारी को लेकर मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो पायी है. हाल यह है कि पिछले […]

मुंगेर : जिले में डेंगू की स्थिति लगातार विकराल होते जा रही है. न सिर्फ लोग डेंगू के शिकार हो रहे हैं, बल्कि पिछले एक सप्ताह में डेंगू से दो की मौत भी हो चुकी है. बावजूद सदर अस्पताल में डेंगू बीमारी को लेकर मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो पायी है. हाल यह है कि पिछले चार दिनों से सदर अस्पताल स्थित जांच घर में डेंगू का जांच किट ही उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मरीज तथा उनके परिजनों की परेशानी बढ़ना लाजमी है. सदर अस्पताल में डेंगू का जांच किट उपलब्ध नहीं रहने के कारण मरीजों को निजी पैथोलॉजी व जांच घरों का चक्कर लगाना पड़ रहा है.

सदर अस्पताल में नहीं हो पा रहा डेंगू का जांच: पिछले चार दिनों से सदर अस्पताल में डेंगू का जांच नहीं हो पा रहा है. हाल यह है कि डेंगू पीड़ित मरीजों को बाहर से जांच करवाना पड़ रहा है. जिसके लिए मरीज के परिजनों को काफी खर्च करना पड़ रहा है. जबकि निजी पैथोलॉजी वालों की चांदी कट रही है.
सदर अस्पताल स्थित जांच घर के लैब टैक्निसियन दिलीप कुमार दूबे ने बताया कि इस महीने में 17 अक्टूबर को उन्हें 20 किट उपलब्ध कराया गया था. जो चार दिन पूर्व ही खत्म हो गया. जब तक किट उपलब्ध नहीं कराया जाता, तब तक किसी डेंगू पीड़ित मरीज का जांच नहीं हो पायेगा. उन्होंने बताया कि वैसे यहां सीबीसी का जांच हो रहा है, सीबीसी जांच से भी प्लेटलेट्स क स्थिति से डेंगू का पता चल जाता है.
1300 रुपये देकर बाहर से करवानी पड़ी जांच: सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में पिछले तीन दिनों से भरती लालदरबाजा निवासी लालो सहनी की पत्नी उषा देवी ने बताया कि उसे डेंगू तथा अन्य ब्लड टेस्ट निजी पैथोलॉजी से करवाना पड़ा. जिसके लिए 1300 रुपये लिया गया. सदर अस्पताल के जांच घर में बताया गया कि यहां डेंगू का जांच किट उपलब्ध नहीं है.
वहीं धरहरा प्रखंड के पहाड़पुर माताडीह निवासी जितेंद्र कुमार पंडित ने बताया कि उनकी भतीजी निभा कुमारी को रविवार के दिन सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में भरती किया गया. किंतु यहां डेंगू का जांच किट उपलब्ध नहीं रहने के कारण अबतक जांच नहीं हो पाया है. इसके अलावे सदर प्रखंड के सीताकुंड हसनपुर निवासी प्रवीण सिंह ने बताया कि उसके 11 वर्षीय पुत्र प्रफुल्ल सिंह का भी जांच बाहर से ही करवाया गया.
दो डेंगू पीड़ित मरीज की हो चुकी है मौत
जिले में फैली डेंगू की बीमारी अब जानलेवा बन चुकी है. डेंगू के चपेट में आने से पिछले एक सप्ताह के भीतर शहर के माधोपुर मोहल्ले में अबतक 2 मरीजों की जान तक जा चुकी है. मालूम हो कि माधोपुर निवासी डब्लू किशोर को बुखार होने के बाद परिजनों ने 25 अक्टूबर को सदर अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया था.
जहां चिकित्सक ने जांचोपरांत उसे डेंगू का संभावित मरीज बताया तथा स्थिति गंभीर देख उसे बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया था. किंतु भागलपुर जाने के क्रम में रास्ते में ही 26 अक्टूबर को डब्लू की मौत हो गयी. वहीं इसी मोहल्ले की 13 वर्षीय मुस्कान भी जब डेंगू की शिकार हुई तो उसका इलाज शहर के एक निजी अस्पताल में करवाया जाने लगा और इलाज के दौरान ही 24 अक्टूबर को उसकी मौत हो गयी.
कहते हैं सिविल सर्जन: सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि डेंगू के मरीजों का प्लेटलेट्स काउंट से पता चल जाता है कि मरीज में डेंगू के लक्षण है या नहीं.
प्लेटलट्स यदि 50 हजार या उससे अधिक रहता है तो उसका सदर अस्पताल में ही इलाज किया जाता है. किंतु जिस मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार स नीचे पाया जाता है, उसे भागलपुर या पटना रेफर कर दिया जाता है. क्योंकि मुंगेर में प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में किट से डेंगू जांच करवाने की जरूत नहीं है.
पिछले सात सालों में डेंगू के मरीजों की संख्या
वर्ष डेंगू
2013 24
2014 0
2015 25
2016 3
2017 0
2018 0
2019 (अब तक) 16

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