Motihari: मोतिहारी .अनचाहे गर्भाधारण के लिए अब महिलाओं को गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन नहीं करना पड़ेगा. चिकित्सीय साइंस में लचीली हार्मोनल रड का इजात किया गया है. इससे परिवार नियोजन इंप्लांट से अगले तीन साल तक गर्भावस्था से बचा जा सकता है. डीसीएम नंदन झा ने बताया की परिवार नियोजन इंप्लांट एक प्रभावी और सुविधाजनक गर्भनिरोधक विकल्प है. यह उन महिलाओं के लिए उपयुक्त है जो लंबे समय तक चलने वाले, प्रतिवर्ती गर्भनिरोधक चाहती हैं. परिवार नियोजन इंप्लांट क़ो गर्भनिरोधक प्रत्यारोपण भी कहा जाता है, यह एक छोटी सी लचीली छड़ होती है, जिसे बांह की त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित किया जाता है. कहा कि यह 3 साल तक गर्भावस्था को रोकने में प्रभावी है. यह हार्मोन शरीर में प्रवेश करके ओव्यूलेशन को रोकता है और गर्भाशय ग्रीवा के बलगम को गाढ़ा करता है, जिससे शुक्राणु के लिए गर्भाशय में प्रवेश करना मुश्किल हो जाता है. 3 साल तक यह प्रभावी रहता है, जिससे बार-बार गर्भनिरोधक लेने की आवश्यकता नहीं होती है. इसकी क्षमता प्रतिशत से अधिक प्रभावी है। वहीं इसे आसानी से हटाया जा सकता है और महिलाएं इसे हटाकर गर्भवती भी हो सकती हैं. इसका कोई खास दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है. कुछ महिलाओं को अनियमित रक्तस्राव, या मासिक धर्म का न होना, सिरदर्द, मुंहासे, या मनोदशा में बदलाव हो सकता है.
इस समय में होगा इंप्लांट
डॉ. सुरुचि स्मृति सदर अस्पताल मोतीहारी ने कहा की मासिक धर्म चक्र के पहले 5 दिनों के भीतर या 4 सप्ताह के भीतर प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद, इसे लगवाया जा सकता है. सब डर्मल इम्प्लांट (पटना एवं भागलपुर) पायलट के तौर दो जिलों में शुरुआत की गयी थी. सबडर्मल जहां माचिस की तिली जैसी एक अस्थाई गर्भनिरोधक का साधन है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

