मोतिहारी. सदर अस्पताल के जिला जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में मरीजों का सीबीसी (पूर्ण रक्त गणना) का टेस्ट नहीं हो रहा है. केमिकल के अभाव में मरीजों का सीबीसी टेस्ट प्रभावित हो रहा है. पिछले सप्ताह से केमिकल तत्व के अभाव में जांच बंद है. इससे प्रतिदिन करीब 150 से 200 मरीज जांच से वंचित हो रहे है. सरकारी अस्पताल में सीबीसी जांच प्रभावित होने से प्राइवेट जांच घरों की चांदी कट रही है. इसको लेकर विभिन्न प्रखंड से इलाज के लिए पहुंच रहे लोगों को निजी जांच घरों का सहारा लेना पड़ रहा है. जिसे गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. चिकित्सक बताते हैं कि सीबीसी जांच में एक साथ खून में मौजूद लाल रक्त, सफेद रक्त कणिकाएं और प्लेटलेट्स की संख्या व उनका आकार देखा जाता है. इसके साथ ही ब्लड से जुड़ी कई बीमारियों की जानकारी देता है. खासकर थकान, कमजोरी, बुखार, शरीर में खून की कमी आदि की स्थिति में ब्लड से संबंधित जांच करायी जाती है. जिसमें एक सैंपल से करीब आठ से नौ प्रकार की जांच की जाती है. प्रयोगशाला प्रभारी मदन मोहन झा ने बताया कि केमिकल की आपूर्ति बीएमआइसीएम पटना के द्वारा की जाती है. बीएमआइसीएल को सूचना दी गयी है, आजकल में केमिकल उपलब्ध होने की संभावना है, जिसके कारण स्थानीय स्तर पर केमिकल की खरीद नहीं की जा रही है.
क्या है सीबीसी टेस्ट
सीबीसी टेस्ट एक सामान्य रक्त परीक्षण है जो रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की गिनती और गुणवत्ता को मापता है. यह जांच विभिन्न प्रकार की बीमारी में एनीमिया, संक्रमण, सूजन और रक्त कैंसर के निदान और निगरानी के लिए कराया जाता है. सीबीसी टेस्ट करने के लिए रक्त के नमूने में कुछ विशिष्ट केमिकल मिलाए जाते हैं. ये केमिकल रक्त कोशिकाओं को अलग करने, स्थिर रखने और गिनती करने में मदद करते हैं ताकि उनका सटीक विश्लेषण किया जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

