पिपराकोठी . जीवन में सफलता के लिए माता-पिता का आदर करें. भारतीय संस्कृति में माता-पिता को देवता कहा गया है. मातृदेवो भव, पितृदेवो भव, भगवान गणेश माता-पिता की परिक्रमा करके ही प्रथम पूज्य हो गये. श्रवण कुमार ने माता-पिता की सेवा में अपने कष्टों की जरा भी परवाह न की और अंत में सेवा करते हुए प्राण त्याग दिये. देवव्रत भीष्म ने पिता की खुशी के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया और विश्वप्रसिद्ध हो गये. भूलकर भी कभी अपने माता-पिता का तिरस्कार नहीं करना चाहिए. उन्होंने यज्ञ के 24वें वर्ष सफलता पूर्वक आयोजित करने के लिए समिति के सदस्यों की प्रसंसा की. यज्ञ परिसर में इस वर्ष नवनिर्मित विशाल मंदिर में 33 देवी देवताओं के मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत उनके दर्शन को लेकर क्षेत्र के महिला पुरुष भक्तों की खूब भीड़ उमड़ी रही है. इस दौरान यज्ञ आचार्य आदर्श कुमार पाण्डेय के साथ आचार्य पंडित अरविन्द तिवारी, पंडित आकाश तिवारी, पंडित संतोष तिवारी, राजन कुमार, रंजीत मिश्रा, अभिजीत मिश्रा, सौरभ दूबे, अभिनव कुमार, आदित्य तिवारी, पंडित उपदेश तिवारी, गुलशन कुमार, गौरव पाण्डेय, पंडित अजित कुमार व प्रिंस कुमार सहित आचार्य ने संयुक्त रूप से वैदिक मन्त्रोंच्चारण के साथ विधिविधान से यज्ञ को संपन्न कराया जा रहा है.
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