Motihari: मोतिहारी. रबी फसल की बुआई 15 नवंबर से आरंभ हो गयी है. किसानों को रबी की फसल के लिए बीज और खाद खरीदने के लिए पैसे की आवश्यकता है और सरकारी खरीद में देरी होने के कारण उन्हें खुले बाजार में कम दाम पर धान बेचना पड़ रहा है. जबकि सरकार ने 1 नवंबर से ही केंद्रों पर धान क्रय शुरू करने की घोषणा की थी. इसके बाद भी पूर्वी चंपारण में महज 10 फीसदी केंद्र पर ही धान की खरीद शुरू हुई है. शेष 90 फीसदी केंद्र अब भी धान खरीद शुरू नहीं हुयी है. जिससे किसान मजबूरी में अपने धान को औने-पौने दाम पर खुले बाजार में बेचने को मजबूर हैं. आलम यह है कि अधिकांश पैक्सों पर न तो संसाधन ही उपलब्ध है और नहीं केंद्र पर खरीदारी को लेकर कोई तैयारी ही है. आंकड़ों के अनुसार अबतक जिले में 95 किसानों से कूल 895 एमटी धान की खरीद हुयी है.वही करीब हजार की संख्या में किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. विभागों जैसे सहकारिता विभाग जिला आपूर्ति, एसएफसी और सहकारी बैंक के बीच समन्वय की कमी है. अधिकांश पैक्स को अबतक सीसी की राशि उपलब्ध नहीं हो पाया है तो कई पैक्स और राइस मिल के बीच टैगिंग में देरी हो रही है, जो खरीद प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है.
286 समिति है चिन्हित
जिले में धान अधिप्राप्ति के लिए 273 पैक्स व 13 व्यापार मंडल अधिकृत किये गये है. इनमें महज 20 से 25 पैक्स ने ही धान अधिप्राप्ति शुरू की है. शेष 250 समिति अभी भी अधिप्राप्ति कार्य शुरू नहीं की है. इसके लिए विभाग की ओर से चुनाव को लेकर अधिप्राप्ति की गति धीमी होेना बताया जा रहा है. डीसीओ प्रिंस अनुपम ने बताया कि चिन्हित सभी समितियों को केंद्रों पर विभागीय दिशा-निदेश के आलोक में अधिप्राप्ति कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया है. जिन समितियों में अधिप्राप्ति अबतक शुरू नहीं हुयी है, उन प्रखंड के बीसीओ को समितियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अधिप्राप्ति शुरू करने का पुन निर्देश दिया गया है.
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