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बिहार में नौकरी का सपना दिखाकर धोका करने वाले गिरोह का हुआ पर्दाफाश, इस कंपनी के नाम से करते थे ठगी

Bihar Crime: बिहार के मोतिहारी जिले में नौकरी दिलाने के नाम पर 90 लोगों को बंधक बना लिया गया. असम और बंगाल समेत अन्य राज्यों से आए युवाओं को झांसा देकर बुलाया गया और उनसे पैसा ठगने का काम किया गया है. पुलिस ने छापेमारी कर 11 अपराधियों को गिरफ्तार किया और सभी युवाओं को सुरक्षित बाहर निकाला.

Bihar Crime: सदर डीएसपी दिलीप सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर फंसाया जाता था. पहले उन्हें भरोसा दिलाया जाता कि उन्हें अच्छी नौकरी मिलेगी. फिर ट्रेनिंग के नाम पर पैसे लिए जाते थे. इसके बाद 12 हजार, 15 हजार या 25 हजार का किट देकर उन्हें मार्केटिंग की नौकरी में धकेल दिया जाता. पुलिस ने छतौनी थाना क्षेत्र के बरियारपुर मोहल्ले में छापा मारकर 11 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. ये लोग “डीबीआर कंपनी” के नाम से नेटवर्किंग का काम कर बेरोजगार युवाओं से ठगी कर रहे थे. बताया गया कि बड़ी संख्या में युवाओं को बरियारपुर के शंभू साह के घर बुलाया गया था. पुलिस ने मौके से 90 युवाओं को छुड़ाकर उनके पेरेंट्स को सूचना दी.

डीबीआर कंपनी के नाम से होती थी ठगी

एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि इस गिरोह का सरगना एनामुल है, जो रामगढ़वा का रहने वाला है. वह पहले रक्सौल में डीबीआर कंपनी के नाम से नेटवर्किंग चलाता था और अब मोतिहारी के छतौनी में ऑटो मिक्स आयुर्वेदिक कंपनी के नाम से ठगी कर रहा था. गिरफ्तार लोगों में ज्यादातर असम, बंगाल, झारखंड और पूर्वी चम्पारण के हैं.

युवाओं से लिया जाता था 25 हजार रुपये

छतौनी थानाध्यक्ष सुनील कुमार को सूचना मिली थी कि यहां बेरोजगार युवकों से 25 हजार रुपये लेकर ठगी की जा रही है. एसपी के निर्देश पर सदर डीएसपी दिलीप सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने करीब आठ घंटे तक छापेमारी कर युवाओं को सुरक्षित निकाला और गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. इस कार्रवाई से युवाओं को बड़ा नुकसान होने से बचाया गया.

इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

गिरफ्तार आरोपियों में पताही के दीपक महतो, बंगाल के अमर, असम के अभिनोल इस्ट के दिलीप बारदी, कटिहार के सउद आलम, बंगाल के अबु सलाम, वाहिद जमा, सदीम शाकिब और पूर्णिया के मोहम्मद असलम शामिल हैं. ये लोग छतौनी में ऑटो मिक्स आयुर्वेदिक कंपनी के नाम से नेटवर्किंग चलाकर ठगी कर रहे थे.

सोशल मीडिया के जरिए फंसाता था लोगों को

सदर डीएसपी दिलीप सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर नौकरी का झांसा देकर युवकों को बुलाया जाता था. फिर उनसे प्रशिक्षण के नाम पर 12 हजार, 15 हजार या 25 हजार रुपये लिए जाते थे. पैसे के बदले युवकों को एक किट दी जाती थी, जिसमें सिर्फ एक पैंट, टाई और एक एनर्जी टेबलेट होती थी. ठगी का शिकार हुए युवकों ने पुलिस को बताया कि उन्हें कोलकाता से बुलाकर कहा गया था कि कंपनी में नौकरी मिल जाएगी. लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वे धोखे का शिकार हो गए हैं. मौके का फायदा उठाकर तीन-चार युवकों ने पुलिस से संपर्क किया और फिर छापेमारी कर उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया.

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JayshreeAnand
JayshreeAnand
कहानियों को पढ़ने और लिखने की रुचि ने मुझे पत्रकारिता की ओर प्रेरित किया. सीखने और समझने की इस यात्रा में मैं लगातार नए अनुभवों को अपनाते हुए खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हूं. वर्तमान मे मैं धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को नजदीक से समझने और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं.

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