Motihari: रक्सौल . बाल विवाह पर रोकथाम को लेकर आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन होने वाले विशेष जागरूकता अभियान से पहले निर्धारित कार्यक्रम के तहत रक्सौल के लक्ष्मीपुर स्थित मनोकामना मंदिर परिसर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल 47 वीं वाहिनी, बाल विकास परियोजना कार्यालय रक्सौल, सशस्त्र सीमा बल की मानव तस्करी रोधी इकाई के संयुक्त तत्वाधान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसकी अध्यक्षता प्रयास संस्था की जिला समन्वयक आरती कुमारी ने की. मनोकामना मंदिर परिसर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के दौरान मंदिर के पुरोहित और आसपास के दुकानदारों को बाल विवाह ना कराने की शपथ दिलाई गई. साथ ही, इस दौरान बाल विवाह से होने वाली परेशानी के बारे में भी अवगत कराया गया है. प्रयास संस्था की आरती कुमारी ने बताया कि लड़की की शादी 18 वर्ष के बाद और लड़के की शादी 21 वर्ष के बाद करना है. इससे पहले शादी करते हुए पकड़े जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, अन्तर्गत उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती हैं और उन्हें दो वर्ष के कठोर करावास या एक लाख रुपए तक के जुर्माना से अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है. एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के प्रदीप काजी द्वारा लोगो को बताया गया कि कम उम्र की शादी बच्चियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. अगर आप सब को कही बाल विवाह होते दिखे तो आंगनबाड़ी सेविका व प्रयास संस्था के हेल्प लाइन नंबर 9289692023 या चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098, 112 पर इसकी जानकारी दे सकते हैं. वहीं स्वच्छ रक्सौल संस्था के रणजीत कुमार सिंह द्वारा लोगो को बाल विवाह रोक थाम के लिए अपना सहयोग दें ताकी बाल विवाह पर नियंत्रण किया जा सके. मौके पर एसएसबी के अरविंद द्विवेदी, पुजारी लालबाबू ओझा, महिला पर्यवेक्षिका ज्योति रानी, मंजू कुमारी, सेविका मणिमाला शर्मा, नमिता कुमारी, नमिता श्रीवास्तव, उषा शर्मा, उषा देवी, विजन देवी, अनीता देवी, तबसुन आरा, लालसा देवी, रंजू देवी, विजय कुमार शर्मा, राज गुप्ता, उमेश कुमार श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
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