मोतिहारी . छोटे छोटे मामले को प्रतिष्ठा पर न लें,एसे मामले को लेने पर समाज की सौहार्द बिगड़ती है इसे रोके एवं एसे मामले का निष्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत में कर लें ताकि सामाजिक सौहार्द एवं समरसता बनी रहे उक्त बातें शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन के दौरान वक्ताओं ने कही, उन्होंने कहा राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन शनिवार को 10 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह जिला जज देवराज त्रिपाठी, जिला पदाधिकारी सौरव जोरवाल,एस पी स्वर्ण प्रभात, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शेषनरायण कुंवर महासचिव राजीव कुमार द्विवेदी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार दुबे ने द्वीप प्रज्वलित कर किया. तत्पश्चात गठित बेंचों द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में 2232 मामलों का निष्पादन समझौता के अधार पर किया गया जिसमें 1220 मामले विभिन्न बैंक एवं बीएसएनएल के निष्पादित किए गए तथा 422 मामले न्यायालय में लंबित आपराधिक मामलों का निष्पादन समझौता के अधार पर किया गया।ईस दौरान एसबीआई के 554 मामले निष्पादित किया गया वहीं स्टेट बैंक को तत्काल 2,11,55,000 रिकवर हुए 3,18,34000 रुपए में मामले सेटल हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में मुकदमा के निष्पादन के लिए 21 बेंच गठित किया गया था जिसमें तीन बेंच ढाका अनुमंडल में सुलहनीय मामलों को निष्पादित कर रहे थे. वहीं एक बेंच अरेराज अनुमंडल में सुलहनीय मामलों का निष्पादन समझौता के अधार पर कर रहे थे तथा सतरह बेच सदर मोतिहारी में मामले निष्पादित कर रहे थे प्रत्येक बेंच में एक न्यायिक सदस्य एवं दो दो अधिवक्ता मनोनीत किया गया था जो मामले का निष्पादन समझौता द्वारा कर रहे थे राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला जज न्यायाधीश के साथ गठित बेंचों का निगरानी कर रहे थे तथा लिटिगेंट के असुविधा का ख्याल रख रहे थे राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता में जिला जज, सचिव सहित न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता न्यायालय कर्मी एवं बैक अधिकारी मुख्य बैंक प्रबंधक कांतेश तुमर,शाखा प्रबंधक संजीव कुमार सिंह,सीएम रुलर आशुतोष कुमार बैक के अधिवक्ता ओमप्रकाश सहित सभी अधिकारियों की अहम भूमिका रही.
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