झंझारपुर. किसानों को अनुदानित दर पर उर्वरक की आपूर्ति होती रहे, इसके लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. बावजूद जिले के कई क्षेत्रों में एक ही समय में कुछ जगह उर्वरक उपलब्ध होते हैं तो कुछ जगह कालाबाजारी होती रहती है. कुछ व्यापारी अतिरिक्त लाभ कमाते हैं तो कुछ थोक व्यापारी विभाग को कोसते हैं. उर्वरक वितरण और उपलब्धता में एकरूपता नहीं रहने पर कृषि विभाग कड़े कदम उठाए हैं. जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी ने उर्वरक आपूर्ति कर्ता कंपनी के सभी क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र लिखा है. डीएओ ने स्पष्ट कहा है की आवंटन में एकरूपता लायें. एकरूपता से ही उर्वरक उपलब्ध होने पर किसानों को अनुदानित दर पर समान रूप से उर्वरक मिलेगी. थोक उर्वरक विक्रेताओं को अनुदानित उर्वरक के साथ जबरन सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे अन्य उत्पादों की टैगिंग करने पर डीएओ ने आपत्ति दर्ज किया है. जिले में कुल 20 थोक उर्वरक विक्रेता है. कंपनी के निर्देश पर उर्वरक की आपूर्ति की जाती है. पहले सिर्फ खजौली रैक पॉइंट से आपूर्ति होती थी, अब महरैल रैक पॉइंट पर भी उर्वरक पहुंचती है. बावजूद कई विक्रेता को 300 क्विंटल तो कुछ उर्वरक दुकानदारों को 3000 क्विंटल की आपूर्ति होती है. जिसका खामियाजा वितरण में किसानों को भुगतना पड़ता है.
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