मधुबनी.
अक्टूबर माह की शुरुआत रिमझिम व झमाझम बारिश व पुरवा बयार से लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली है. बीते बुधवार से रुक – रुक कर हुई बारिश से शनिवार को पारा लुढ़क कर 27 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. शनिवार अहले सुबह से हुई रिमझिम बारिश शाम तक जारी रहा. लगातार हो रही बारिश से जल जमाव व कीचड़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दिन भर हुई बारिश में लोग अपने दैनिक कार्य को निपटाने में जुटे रहे. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 4-8 अक्टूबर तक के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार पूर्वानुमानित अवधि में 24-48 घंटों में उत्तर बिहार के जिलों में अनेक स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर एवं वैशाली जिलों में भारी वर्षा हो सकती है. वत दौरान तेज हवा के साथ वज्रपात की संभावना है. इस अवधि में अधिकतम तापमान 28 -30 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 24-26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. पुर्वानुमानित अवधि में 10-12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चलने की संभावना है.वर्षा से निजात के लिए विभाग अलर्ट
बारिश के बाद उत्पन्न जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. संभावित बारिश की संभावना को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के चिकित्सकीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक व्यवस्था की गई है. सिविल सर्जन ने कहा कि जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बारिश से उत्पन्न जल जनित रोग से प्रभावित व्यक्तियों के अहर्निश रूप से समुचित चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की गई है. सरकारी अस्पतालों में एंटी डायरियल मेडिसिन, आइबी फ्लूड ओआरएस, एवीएस एवं एआरवी एवं इससे संबंधित अन्य आवश्यक औषधियों तथा मेडिकल डिवाइस एवं कंज्यूमेबल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता की गयी है. एंबुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है. सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल सहित जिला के बाढ प्रभावित क्षेत्रों के निकटतम सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोस्टर संधारित कर अतिरिक्त चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की 24 घंटे तैनाती आवश्यक औषधियों एवं चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. इसके अलावे सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष चिकित्सकों को ऑन कॉल ड्यूटी पर 24 घंटे उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है, ताकि आकस्मिक स्थिति में सूचित किए जाने पर वे शीघ्र संबंधित अस्पताल में उपस्थित होकर मरीज की देखभाल कर सके.
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