Madhubani : बेनीपट्टी . बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए श्रम अधीक्षक दिनेश कुमार द्वारा गठित धावा दल बेनीपट्टी अनुमंडल के साहरघाट बाजार के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया. इसी क्रम में दो बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया. साहरघाट नेताजी चौक पर संचालित मां अम्बे मिष्ठान भंडार तथा महालक्ष्मी स्वीट्स से 2 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया. मुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया. बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के तहत दोषी नियोजकों के विरुद्ध साहरघाट थाने में प्राथमिकी दर्ज की प्रक्रिया की जा रही है. श्रम अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम के अंतर्गत गैरकानूनी है. बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है. इसके अलावे नियोजकों से 20 हजार प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जायेगी जो डीएम के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जायेगा. इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलामपत्र वाद अलग से दायर किया जायेगा. श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मधवापुर सिद्धार्थ शंकर के नेतृत्व में गठित धावा दल में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जयनगर, रहिका, पंडौल तथा हरी प्रसाद सर्वो प्रयास संस्था के प्रतिनिधि व साहरघाट थाना की पुलिस टीम शामिल थे. धावा दल सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की. नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने के लिए एक शपथ पत्र भरवाया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है