बिस्फी. सिमरी गांव स्थित ब्रह्म स्थान परिसर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन चल रहा है. कथा वाचन काशी वाराणसी से आये बाबा डॉ. शंभु चैतन्य जी महाराज कर रहे है. अमृत पान कराते हुए शंभु चैतन्य जी महाराज ने कहा कि परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. महर्षि दघीचि ने देवताओं के लिए अपनी हड्डियों तक दान कर दी. वेद व्यास ने भी कहा कि परोपकार: पुण्याय, पापाय पर परपीडनम. यानी दूसरों की भलाई करना सेवा करना पुण्य है. दूसरों को सताना पाप है. श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से पापों का नाश होता है. कथा के दौरान दांडी बाबा अवधेशानंद जी महाराज, आचार्य महेशानंद शास्त्री, वीरेंद्र अवजी और मनीष तिवारी भी मौजूद थे. समिति के अध्यक्ष रामनारायण मिश्र, महाशंकर झा, दिवाकर झा, लालेश्वर झा, लक्ष्मीकांत झा, संजय झा, शोभाकांत लाल दास और स्थानीय सरपंच हीरालाल यादव सहित कई गांव के भक्तों ने कथा का श्रवण किया.
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