मधुबनी. संविधान दिवस के अवसर पर न्यायालय परिसर में मंगलवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय जय किशोर दूबे, प्राधिकार सचिव संदीप चैतन्य ने दीप जला कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि हर साल संविधान दिवस मनाते हैं, लेकिन शपथ पत्र पढ़ कर भूल नहीं जाना चाहिए. बल्कि इसके मौलिक अधिकार के बारे में जानना चाहिए और उसे आत्मसात करना होगा. प्रस्तावना संविधान कि आत्मा है. कहा कि संविधान में बतायी गयी बातों को हमें जन जन तक पहुंचाना होगा. प्राधिकार सचिव ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा. वहीं मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित सभी न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायिक कर्मियों ने एक स्वर में प्रस्तावना की शपथ ली व संविधान के प्रति निष्ठा बनाए रखने का संकल्प दोहराया. कार्यक्रम में डीएएसजे छह निशांत कुमार प्रियदर्शी, डीएएसजे सप्तम निरज कुमार त्यागी, सीजेएम प्रमोद कुमार महथा, एसीजेएम प्रथम तेजकुमार प्रसाद, एसडीजेएम सचिन कुमार, मुंसिफ द्वितीय प्रतीक रंजन चौरसिया, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दिवानंद झा, लोक अभियोजक शिव शंकर प्रसाद राय, प्रबंध निदेशक ग्राम विकास युवा ट्रस्ट नरेन्द्र कुमार सिंह, सुषांत चक्रवर्ती, संतोष दत्त, संतोष निषांत सहित कई लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन प्राधिकार सचिव संदिप चैतन्य ने किया. प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित संविधान दिवस हुए कार्यक्रम के दौरान मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य विषय पर निबंध प्रतियोगिता एवं एनएएलएसए की डॉन योजना पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी एवं प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय जय किशोर दूबे ने मेमोंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
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