जिले में 9012 एचआईवी के पंजीकृत मरीज, 5685 मरीज खा रहे दवा मधुबनी . विश्व एड्स दिवस पर एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सोमवार को सदर अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर ने जागरूकता रैली निकाली. रैली के माध्यम से लोगों को एचआईवी के खतरों से सावधान व जागरूकता के लिए सतर्क किया गया. जिले में वर्तमान में 9012 एचआईवी पंजीकृत मरीज हैं. इसमें 5685 मरीजों द्वारा दवा सेवन किया जा रहा है. विश्व में हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच एड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, एचआईवी से संबंधित बीमारियों से मरने वालों को याद करने और एचआईवी एड्स के साथ जीने वाले लोगों का समर्थन करना है. एआरटी सेंटर सदर अस्पताल के ओपीडी भवन से सोमवार को एएनएम छात्राओं ने रैली निकाली, जो मुख्य मार्ग होते हुए वाटसन स्कूल पहुंची. रैली को सीडीओ डॉ जीएम ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर डॉक्टर ठाकुर ने बताया कि जागरूकता का अभाव एचआईवी के प्रसार का मुख्य कारण माना जाता है. आम लोगों को इसके खतरे के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है. विदित हो कि एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस के कारण होने वाली बीमारी है, जो कई तरीकों से हो सकता है. इसमें असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सूई या सिरिंज साझा करना तथा संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से होता है. इसके अलावा, यह संक्रमण गर्भवती मां से उसके बच्चे को गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान भी फैल सकता है. जिले में अब तक 9,012 व्यक्ति एचआईवी संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. इसमें 5685 मरीजों को एआरटी सेंटर से दवा दी जा रही है. इसमें 2,620 पुरुषों एवं 2, 677 महिलाएं शामिल है. वहीं 237 बच्चे एवं 151 बच्चियां शामिल है. बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना से जिला में 3861 मरीज लाभान्वित हो रहे हैं. डॉ कुणाल कौशल ने बताया कि आज कल के लोगों में खासकर युवा वर्गों में एड्स जैसी बीमारी फैलने का मुख्य कारण यौन शिक्षा का नहीं होना है. असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सूई का प्रयोग, संक्रमित रक्त आदि के प्रयोग के कारण एड्स होता है. एचआइवी संक्रमण से रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है. इसके कारण गर्भवती महिलाओं के नवजात शिशुओं को भी एचआइवी संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. नवजात शिशुओं के रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह खत्म कर देता है. इससे पीड़ित अन्य घातक बीमारियों जैसे टीबी, कैंसर व अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित हो जाता है. एड्स पीड़ित मरीजों को सरकार आर्थिक सहायता देती है. एड्स के नोडल पदाधिकारी डॉ विनय कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में जांच से लेकर मरीजों के इलाज का नि:शुल्क प्रावधान है. जिले में एचआईवी संक्रमित एवं संक्रमित माता पिता के 18 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित परवरिश योजना का लाभ दिया जा रहा है. इस अवसर पर सीडीओ डॉ जीएम ठाकुर, डॉ विनय कुमार, डॉ कुणाल कौशल, आईसी कम डीआईएस सचिन कुमार पासवान, अंजू कुमारी, सरिता कुमारी एवं एएनएम स्कूल की छात्रा उपस्थित थे.
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