सकरी. पंडौल प्रखंड क्षेत्र में इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद साहब की जयंती पर शुक्रवार को जुलूस निकाला गया. प्रखंड मुख्यालय समेत पंडौल, सकरी , भगवतीपुर गढ़ीमा, सलेमपुर, बटलोहिया, बलहा सहित विभिन्न जगहों पर जुलूस निकाला गया. साथ ही विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित कर उनकी जीवनी पर विस्तृत रुप से प्रकाश डाला गया. पंडौल सकरी में बड़ी संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए तथा मोहम्मद साहब को याद किये. जुलूस में शामिल लोगों ने शहर से गांव तक भ्रमण किया. जबकि एक नयी सोच कमेटी की ओर से फातिहा कराया गया. जुलूस में जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष मो. राजा अली, मदरसा अशरफिया, रफीकुल उलूम, मदरसा अजीजिया मोकर्रमपुर, ठकरुनिया, सोरीपट्टी, सीमा, तारसराय, बलहा, सरिसब से निकल कर से सकरी पहुंचे। मोकर्रमपुर, ठकरुनिया, सोरीपट्टी, सीमा, तारसराय, बलहा, सरिसब से निकल कर एनएच 27 पर पहुंचा जहां से एक साथ पंडौल बाजार होते हुए सकरी स्थित साह अब्दुल रहमान साहब के मजार पर पहुंचा.जहां एक विशेष सभा का आयोजन किया गया था. सभा को संबोधित करते हुए मुफ्ती बिलाल साहब ने कहा कि आज बेहद खुशी का दिन है. आज ही के दिन हम लोग के पैगंर हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश सन 571 ईसवी को मक्का सऊदी अरब में हुआ था. उस वक्त अरब की हालत बहुत ही खराब थी. लोग छोटी-छोटी बातों पर लड़ते झगड़ते थे. मां-बहनों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता था. कई बार तो बच्चियों को जिंदा ही दफन कर दिया जाता था। बच्ची का बाप होना गुनाह समझा जाता था. हमारे नवी ने लोगों को समझाया तो हालात बदलने लगे. पैगम्बर साहब ने कहा कि एक अल्लाह को मानो वह तुम्हे देख रहा है. मौके पर मौलानाओं ने कहा कि गलत काम करोगे तो सजा पाओगे सही काम करोगे तो जन्नत में जगह मिलेगी। मोहम्मद साहब ने समझाया कि आपस में कभी झगड़ा नहीं करना. आपस में मिल बैठकर सुलझा लेना. जाहिलियत की तमाम बातों को खत्म करता हूं. जाति बिरादरी, वतन, जुबान और हर तरह की रिवाज जो पहले से चली आ रही है उसे आज समाप्त करता हूं. जुलूस मे हाफिज अब्दुल वाहिद, मौलाना अब्दुल सत्तार, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना अताउर्रहमान, शाहबाज महमूद मीनू, मो. खुशरू, पूर्व सरपंच आदि उपस्थित थे.
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